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शिमला: उन्होंने बताया कि कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) के गठन एवं संवर्धन संबंधी केंद्र सरकार की यह एक महत्वपूर्ण योजना है किसानों को एफपीओ से जोड़ने पर उनकी आय में आवश्यक रूप से वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि जिला शिमला के आठ विकासखंड में कृषि उत्पादक संगठन का निर्माण किया गया है जिसमें क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संगठन अरावली ने रामपुर, कुपवी, रोहड़ू, चिरगांव, चौपाल तथा डिवाइन इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा ठीयोग, मशोबरा तथा बसंतपुर विकासखंड में निर्माण किया गया है।

इसके अतिरिक्त जिला में जुब्बल, डोडरा क्वार, टूटू, नारकंडा ननखड़ी, कोटखाई ब्लॉक में अलग-अलग क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संगठन को एफपीओ बनाने का अनुमोदन प्रदान किया गया है। उन्होंने सभी क्लस्टर आधारित व्यवसायिक संगठनों को दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना है योजना के तहत किसानों को जागरूक करने और उन्हें कृषि उत्पादक संगठन से जोड़ने से संबंधित सभी कार्यों के लिए निर्धारित सीमा का सख्ती से पालन करें।

उन्होंने बताया की एफपीओ को सुदृढ़ करने के लिए सभी विभागीय अधिकारियों को समन्वय स्थापित कर कार्य करने की आवश्यकता है ताकि उसका लाभ किसानों को प्राप्त हो सके।
इसके अतिरिक्त कृषि उत्पादक संगठन को और अधिक मजबूत बनाने के लिए एक सम्मेलन का आयोजन करना आवश्यक है जिसमें सभी विभागों द्वारा योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की जाए। इस संबंध में उन्होंने नाबार्ड के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए।

बैठक में जीएम डीआईसी शिमला योगेश गुप्ता, उपनिदेशक बागवानी विभाग देश राज, एलडीएम यूको बैंक एके सिंह, क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संगठनो के पदाधिकारी, नाबार्ड बैंक तथा विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।

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