हिमाचल: शिमला के कनलोग क्षेत्र से पांच साल की बच्ची को तेंदुए द्वारा उठाए जाने के मामले में संज्ञान लेने के बाद राज्य मानवाधिकार आयोग ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। हिमाचल प्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश पीएस राणा और सदस्य डॉ. अजय भंडारी की खंडपीठ ने पाया है कि तेंदुआ आदमखोर हो चुका है, इसलिए यह जनसाधारण के जीवन के लिए खतरा बन चुका है। इसके लिए आयोग ने वन विभाग को जिम्मेदार ठहराया है और वन विभाग के अधिकारियों को जनसाधारण को इस तेंदुए के आतंक से बचाने के निर्देश भी दिए हैं।