राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज कांगड़ा जिले के धर्मशाला स्थित शहीद स्मारक का दौरा किया और देश के लिए अपना र्स्वोच्च बलिदान देने वाले 163 वीर शहीदों को अपने श्रद्धासुमद अर्पित किए। उन्होंने अमर जवान ज्योति प्रज्वलित कर शहीदों को स्मरण किया। यह पहला मौका है जब प्रदेश के किसी राज्यपाल ने शही स्मारक का दौरा किया।इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को वीरभूमि कहा जाता है। यहां आकर यह बात स्मष्ट हो जाती है कि हिमाचल के वीर सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए अपने शौर्य और वीरता का परिचय देते हुए जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि 1962 का चीन-भारत का युद्ध, 1965 में भारत-पाकिस्तान का युद्ध, 1971 का युद्ध और 1999 में कारगिल युद्ध, हिमाचल के वीर सैनिकों ने अदम्य साहस और बहादुरी का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि देश का पहला परमवीर चक्र हिमाचल प्रदेश के मेजर सोमनाथ के नाम है।


उन्होंने कहा कि युद्ध स्मारक भावी पीढ़ी के लिए के प्रेरणा का केंद्र है। यहां देश के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले वीर जवानों की जानकारी उपलब्ध है, जिन्होंने हमारे सुनहरे भविष्य के लिए बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें यहां आने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि हमें अपने वीर शहीदों पर गर्व है।राज्यपाल ने इस मौके पर हिमाचल प्रदेश वार मैमोरियल डवैलपमेंट सोसायटी, धर्मशाला के पदाधिकारियों से विचार-विमर्श किया और उनसे विचार सांझा किए। सोसायटी के अध्यक्ष कर्नल डढवाल ने राज्यपाल को सोसायटी की गतिविधियों से अवगत करवाया। उन्होंने शहीद स्मारक और युद्ध संग्राहलय की जानकरी दी।राज्यपाल ने युद्ध संग्राहलय का भी दौरा किया।

युद्ध संग्राहलय में महाभारत काल से लेकर अब तक के युद्धों की जानकारियां प्रदर्शित की गई हैं ताकि युवाओं को प्राचीन काल में युद्ध लड़ने के तौर तरीकों तथा अब तक हुए युद्ध में बदलाव के बारे में जानकारी मिल सके। राज्यपाल ने यहां प्रदर्शित विक्टोरिया क्रॉस विजेताओं सहित परमवीर चक्र, अशोक चक्र विजेताओं के जीवन वृतांत की जानकारी ली।स्थानीय विधायक श्री विशाल नेहरिया भी इस अवसर पर उपस्थित थे।इससे पूर्व, गग्ल एयरपोर्ट पहुंचने पर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने राज्यपाल का स्वागत किया।

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