शूलिनी विश्वविद्यालय में सफलता प्रतिमान को परिभाषित करने और समझने पर सत्र आयोजित

सोलन, 3 जनवरीबेलेट्रिस्टिक शूलिनी लिटरेचर सोसाइटी द्वारा  “सफलता के प्रतिमान को परिभाषित करना और समझना” विषय पर एक चर्चा आयोजित की गयी ।सत्र के प्रमुख वक्ता फिलीपींस के ललीन मैगलोना और मलेशिया के जैनुल मुख्तार थे। ज़ैनुल मुख्तार तीस से अधिक वर्षों से एक प्रदर्शन कोच और एक प्रशिक्षण और मानव संसाधन विकास विशेषज्ञ हैं। इलीन मैगलोना ग्राहक सेवा, बिक्री और विपणन, छवि निर्माण और टीम की गतिशीलता में माहिर हैं। सत्र की शुरुआत प्रो. मंजू जैडका ने की, जिन्होंने वक्ताओं का दर्शकों से परिचय कराया।वक्ताओं ने असफलता और सफलता की अवधारणा के बारे में बात की, सफलता का क्या अर्थ है, और सफलता के मार्ग पर रहते हुए किसी भी बाधा और निराशा को कैसे दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहानियों, उपाख्यानों और व्यक्तिगत उदाहरणों के माध्यम से सत्र का संचालन किया जिससे दर्शकों को शामिल किया गया और उनकी रुचि बनी रही।प्रो. तेज नाथ धर, प्रो. नासिर, डॉ. पूर्णिमा बाली, डॉ. नवरीत साही,  हेमंत शर्मा और  नीरज पिज़ार ने भी चर्चा में योगदान दिया।

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