शिमला, 12 अप्रैलः रंगकर्मी मनोहर सिंह राज्य स्तरीय जयंती समारोह के दूसरे दिन आज भाषा कला संस्कृति अकादमी द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम के अंतर्गत गेयटी सम्मेलन कक्ष में श्रीयुत श्रीनिवास जोशी द्वारा मनोहर सिंह के कृतित्व, व्यक्तित्व और उनके द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए मनोहर स्मृतियां पत्र पढ़ा गया। श्रीनिवास जोशी ने इस पत्र के माध्यम से मनोहर सिंह के साथ बिताएं पलों एवं संस्मरण को व्यक्त किया।

उन्होंने मनोहर सिंह के शिमला से दिल्ली और दिल्ली के उपरांत रंगकर्म के सफर की भावपूर्ण वर्णन किया। साहित्यकार देवेंद्र गुप्ता ने मनोहर सिंह के शिमला आगमन पर बिताए पलों को साझा किया तथा मनोहर सिंह को अनुशासन और अभ्यासरत व्यक्तित्व बताया। उन्होंने हिमेश रत्न और सत्यम शर्मा द्वारा मनोहर सिंह को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय जाने के प्रति प्रेरित करने का भी उल्लेख किया।

वरिष्ठ रंगकर्मी प्रवीण चांदला ने मनोहर सिंह के कार्यों को न देख पाने के प्रति जहां अपना खेद प्रकट किया वहीं नई पीढ़ी को रंगमंच की निरंतरता को बनाए रखने के लिए समन्वय स्थापित कर आगे बढ़ने की अपील की। रंगकर्मी संजय सूद ने मनोहर सिंह के नाटकों की वीडियोग्राफी तथा उनके कार्यों के चित्र आदि जो राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली में है की प्रतियां प्राप्त कर गेयटी थिएटर में स्थापित करने की मांग की तथा सभी स्थलों पर विशेष रुप से भाषा संस्कृति विभाग द्वारा नवनिर्मित थिएटर में जिला स्तर पर उनका प्रदर्शन करने की मांग की ताकि रंगमंच से जुड़ी वर्तमान पीढ़ी उनके कार्यों और व्यक्तित्व को जान पाए।

भारती कुठियाला द्वारा रंगमंच को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न बिंदुओं को प्रस्तुत किया गया। कलाकारों का मत था कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों में नाटक विभाग खोले जाएं। चर्चा के दौरान वर्तमान में गेयटी थिएटर द्वारा रंगमंडल तैयार करने की आवश्यकता भी जताई गई ताकि कलाकारों को अपनी प्रतिभा दर्शाने का अवसर मिल सके।

अकादमी सचिव डाॅ. कर्म सिंह ने कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और उन्होंने हिमाचल व हिमाचल से बाहर रह रहे महान कलाकारों, साहित्यकारों व बुद्धिजीवी वर्ग के कृतित्व और व्यक्तित्व से संबंधित सामग्री को अकादमी में सहज के रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस संबंध में इन वर्गों से संबंधित लोगों से सामग्री अकादमी को देने की भी अपील की ताकि उसका दस्तावेज तैयार किया जा सके।

गिरिजा शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए रंगकर्म से संबंधित विभागीय एवं अकादमी के कार्यक्रमों में रंगकर्मियों की कम उपस्थिति पर चिंता व्यक्त की। इस अवसर पर एसआर हरनोट, कमल मनोहर शर्मा, संजीव अरौड़ा, श्रुति रोहटा, तरूणा मिश्रा, जावेद इकबाल, धर्मेन्द्र सिंह रावत, राम प्रसाद यादव, धीरज रघुवंशी, रूपेश भिम्टा, अजय शर्मा, रविन्द्र प्रकाश आदि रंगकर्मियों ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए तथा स्वर्गीय मनोहर सिंह को पुष्पाजंलि अर्पित की।    

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