उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी की अध्यक्षता में आज यहां जिला स्तरीय समीक्षा समिति एवं जिला सलाहकार समिति की बैठक बचत भवन में आयोजित की गई। बैठक में सितम्बर, 2021 तक की तिमाही के आय-व्यय प्रगति व निर्धारित लक्ष्य पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में उपायुक्त आदित्य नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि वित वर्ष 2021-22 में सितम्बर, 2021 तक कुल 426 स्वंय सहायता समूहों को 7 करोड़ 47 लाख रुपये की राशि से क्रेडिट लिंक किया गया है उन्होंने सभी बैकों को निर्देश दिए कि वे स्वयं सहायता समूहों से संबन्धित सभी विलंबित आवेदनों का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित करे।
उन्होंने कहा कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने स्ट्रीट वेंडर के समग्र विकास और आर्थिक उत्थान तथा उन्हें सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि व स्वनिधि योजना चलाई गई है इस योजना का उद्देश्य 50 लाख रेहडी-फड़ी वालोे को एक वर्ष के कार्यकाल के लिए दस हजार रुपये तक ब्याज मुक्त कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करवाना है, जिसके तहत शिमला जिले में सितम्बर तक कुल 35 लाख 70 हजार रुपये व्यय कर 352 रेहड़ी फड़ी वालों को ऋण स्वीकृत किया गया है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र के युवाओं को रोजगार प्रदान करने एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से पीएमईजीपी योजना प्रदेश में संचालित है, जिसके तहत बेरोजगारों को अपना रोजगार स्थापित करने के लिए बैंकों द्वारा युवाओं को कार्य प्रशिक्षण उपरान्त अधिकतम 25 लाख तक ऋण सुविधा प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सितम्बर तक 2 करोड़ 37 लाख रुपये व्यय कर 31 मामले स्वीकृत किए गए है ।
उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना हिमाचल सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है इस योजना के तहत चालू वित वर्ष में अब तक 205 मामलों की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने समस्त बैंकों सहित उद्योग विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस योजना का जिला के सभी क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक करें ताकि लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके ।
सीडी अनुपात विश्लेषण के संबन्ध में चर्चा करते हुए बताया कि सितम्बर माह की तिमाही तक सीडी अनुपात 39.52 प्रतिशत से घटकर 38.18 प्रतिशत हुआ है। उन्होंने कहा कि सीडी अनुपात की समीक्षा के लिए एक विशेष उप समिति का गठन उन जिलों के लिए किया जाना है जिन जिलों में सीडी अनुपात कम है । उन्होंने सभी बैंकों से सीडी अनुपात बढ़ाने के लिए और अधिक प्रयास करने को कहा ताकि शिमला जिला में सीडी अनुपात को 40 प्रतिशत से ऊपर लाया जा सके। उन्होंने समस्त बैंकों को निर्देश दिए कि इन सभी योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि शिमला के सभी पात्र व्यक्तियों को इस योजना का लाभ मिल सके ।
इस दौरान उपायुक्त ने नाबार्ड के तहत वित्त वर्ष 2022-23 के लिए तैयार की गई संभाव्यता युक्त ऋण योजना पुस्तिका का विमोचन भी किया।
उपायुक्त ने अग्रणी जिला प्रबंधक एवं अन्य समस्त बैंकों को निर्देश दिए कि आने वाली तिमाही में सैक्टर आधारित लक्ष्यों के साथ वार्षिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तत्परता से प्रयास करें ताकि निर्धारित वार्षिक ऋण लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके ।
अग्रणी जिला प्रबंधक यूको बैंक एके सिंह ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया ।
इस अवसर पर भारतीय रिजर्व बैंक शिमला शाखा से एलडीओ शुभम द्विवेदी, डीडीएम नाबार्ड करण, महाप्रबंधक जिला उद्योग योगेश गुप्ता, परियोजना अधिकारी डीआरडीए संजय भगवती सहित समस्त बैंकों के प्रतिनिधिगण, एसबीआई जनरल इंश्योरेंस तथा कृषि इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे ।