धर्मशाला, 9 अप्रैल। जिले में चल रहे सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों का संचालन नियमों के अनुरूप हो, इसके लिए पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट की अनुपालना बेहद जरूरी है। भू्रण की लिंग जांच और भू्रण हत्या को रोकने के लिए इस अधिनियत के तहत सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों को कार्य करना आवश्यक है तथा किसी भी प्रकार की कोताही बरते जाने पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

सीएमओ कार्यालय धर्मशाला में आज मंगलवार को आयोजित गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी एंड पीएनडीटी) अधिनियम, 1994 के तहत गठित जिला एडवाइजरी कमेटी व जिला एप्रोप्रिएट अथोरिटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश गुलेरी ने यह बात कही।

उन्होंने बताया कि कमेटी के परामर्श पर नए अल्ट्रासाउंड केन्द्र खोलने या बंद करने के बारे में निर्णय किया जाता है। कमेटी की अनुमति के बिना कोई व्यक्ति या संस्थान अल्ट्रासाउंड नहीं कर सकता। बैठक में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के आवेदनों पर विस्तार से चर्चा की गई। सीएमओ ने बताया कि जिला में सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों का तीन महीने में एक बार निरीक्षण किया जाता है।

उन्होंने बताया कि पूरे जिला में अल्ट्रासाउंड केंद्रों का निरीक्षण सुचारू रूप से हो सके इसके लिए खंड चिकित्सा अधिकारियों को भी निरीक्षण की शक्तियां दी गई है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन केंद्रों का नियमित निरीक्षण किया जाएगा तथा किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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