मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पूरी सतर्कता और सावधानी से कार्य कर रही है तथा इसे पूरी तरह से रोकने के लिए और सख्त कानून बनाए जाएंगे। यह बात उन्होंने आज कांगड़ा जिला के फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को सम्बोधित करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने फतेहपुर में सिविल कोर्ट खोलने, फतेहपुर में शहीद स्मारक बनाने, फतेहपुर और राजा का तालाब में सीवरेज सिस्टम का निर्माण करने, रे कालेज का नामकरण स्वर्गीय सुजान सिंह पठानिया के नाम पर करने, राजा का तालाब में ऐतिहासिक तालाब के जीर्णोद्धार के लिए 75 लाख रुपए,नंगल पटवार सर्कल को पुनः खोलने, तलाड़ा-डक-गुरियाल-चकबाड़ी में 33 केवी सब स्टेशन स्टेशन बनाने और बागवानी विभाग का पीसीडीओ फार्म खोलने की घोषणा की। इससे पूर्व, ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 232 करोड़ रुपये लागत की 14 विकासात्मक परियोजनाओं की सौगात दी।

मुख्यमंत्री ने 5.28 करोड़ रुपये की लागत से घोली पुल पप्लाह खास बनाल से जखाड़ा खास सड़क के उन्नयन कार्य, 8 करोड़ रूपये की लागत से छब्बड़ से कोहलड़ी सड़क के उन्नयन कार्य,10.38 करोड़ रुपये की लागत से भोग्रवां से समलेट खास सड़क के उन्नयन कार्य,नाबार्ड के तहत 6.95 करोड़ रुपये की लागत से दीणी-कुम्भ-धनाड़ा सड़क के निर्माण कार्य का शिलान्यास, 5 करोड़ रुपये की लागत से राजीव गांधी राजकीय डे-बोर्डिंग विद्यालय मंझार का शिलान्यास,10.21 करोड़ रुपये की लागत से देहरी-कंदोर सड़क पर भराल खड्ड पुल का शिलान्यास, 19.36 करोड़ रुपये की लागत से रैहन-1 व रैहन-2 पंचायतों के लिए मल निकासी योजना एवं पेयजल योजना के संवर्धन कार्य, 03.65 करोड़ रुपये की लागत से टैरेस से स्थाना तक व्यास नदी पर 800 मीटर पुल का शिलान्यास,10 करोड़ रुपये की लागत से इंडोर स्टेडियम रैहन का शिलान्यास, 15 करोड़ रुपये की लागत से बस स्टैंड परिसर फतेहपुर का शिलान्यास,8 करोड़ रुपये की लागत से पुलिस थाना भवन रैहन का शिलान्यास,5 करोड़ रुपये की लागत से सार्वजनिक पुस्तकालय रैहन का शिलान्यास, 15 करोड़ रुपये की लागत से औद्योगिक क्षेत्र जखबड़ (फतेहपुर) का शिलान्यास तथा 9 करोड़ रुपये की लागत से गौ अभ्यारण टटवाली का शिलान्यास किया।
  

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने जीवन में कभी सिद्धान्तों से समझौता नहीं किया और हमेशा आम लोगों की आवाज को उठाया है। मैं एक आम परिवार से संबंध रखत हूं और आम लोगों के दुःख, किसानों की पीड़ा और कर्मचारियों की समस्या को भी जानता हूं। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके सामने जो चुनौतियां थीं उनमें सबसे पहली चुनौती प्रदेश को आर्थिक बदहाली से बाहर लाने की थी। लेकिन मैंने आर्थिक चुनौतियों का सामना डटकर किया क्योंकि कर्ज के सहारे व्यवस्था नहीं चल सकती। उन्होंने कहा कि आज प्रत्येक हिमाचली पर एक लाख रुपए से अधिक का कर्ज है।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के एक माह बाद  मैंने अधिकारियों से पूछा कि प्रदेश कैसे चलेगा तो उनसे जबाब मिला कि पिछली भाजपा सरकार ने राजस्व की तरफ ध्यान ही नहीं दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने आर्थिक चुनौती का सामना युद्ध की तरह किया और बेहतर वित्तीय प्रबन्धन से आर्थिक मोर्चे पर आगे बढ़ रहे हैं । हमें गर्व महसूस होता है कि एक साल के भीतर प्रदेश की 20 प्रतिशत अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में सफल हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली चुनौती का सामना कर अभी संभल ही रहे थे कि आपदा के रूप में दूसरी चुनौती सामने आ गई। इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी का मंजर इससे पहले कभी नहीं देखा जिसमें हजारों घर तबाह हो गए, हजारों पशुशालाएं बह गईं। इस तबाही के मंजर में 550 लोग हमें छोड़ कर चले गए। फतेहपुर क्षेत्र भी इस त्रास्दी से अछूता नहीं रहा। विधायक भवानी सिंह पठानिया का भी रात को फोन आया और कहा कि पौंग बांध से अचानक पानी छोड़ने से बाढ़ के हालत बने हैं और लोगों की जान को बचाने के लिए उन्हें जल्दी सुरक्षित बाहर निकालने का आग्रह किया। हमनें तुरन्त कार्रवाई करते हुए वायुसेना के हेलीकॉप्टर तथा एनडीआरफ की सहायता लेकर 3000 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के साथ उनके रहन-सहन की व्यवस्था सुनिश्चित की। इससे पहले भी इस क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हुए थे लेकिन कभी वायुसेना का हेलीकॉप्टर नहीं आया। यह स्थानीय विधायक भवानी सिंह पठानिया की कर्तव्य निष्ठा थी जिन्होंने बार-बार मुझे इन लोगों की मदद के लिए आग्रह किया।। लोगों को बाढ़ से निकालने के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टर का 9 करोड़ रुपये का व्यय केंद्र सरकार से नहीं बल्कि प्रदेश सरकार ने वहन किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दौरान उन्होंने प्रदेश के प्रत्येक जिले और गांव का दौरा किया। प्रदेश में आपदा से भारी तबाही के बावजूद केंद्र सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली, लेकिन राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों के लिए अपने स्तर पर संसाधन जुटाकर 4500 करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज प्रदान करने के लिए कानून और नियमों को बदल दिया, क्योंकि उन्हें आम आदमी की पीड़ा का अहसास है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सत्ता में रहते हुए उन्होंने लूट के रास्ते को बंद किया और सरकार के ईमानदार प्रयासों से 2200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है। इस राजस्व से महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह देने की घोषणा की गई है।

बजट में भी आम लोगों के लिए अनेक योजनाओं को प्रावधान किया गया है, मनरेगा मजदूरी में 60 रुपए की बढ़ौतरी, किसान से गाय के दूध का क्रय मूल्य 32 रुपए से बढ़ाकर 45 रुपए किया गया है और भैंस के दूध को 55 रुपए में खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने पहली बार प्राकृतिक खेती से उत्पादित मक्की के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य रुपए 30 रुपए प्रति किलो जबकि गेंहू को 40 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदने का निर्णय लिया है।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राजस्थान में भाजपा की सरकार ने सत्ता में आते ही सबसे पहले कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई पुरानी पेंशन योजना को रद्द किया लेकिन हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनते ही हमने  पहली कैबिनेट में पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया, ताकि सेवानिवृति के उपरांत सरकारी कर्मचारी व अधिकारी सम्मानजनक जीवन यापन कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आम लोगों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा राजस्व लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अब तक 90 हजार से अधिक इंतकाल तथा सात हजार तकसीम के मामलों का निपटारा किया जा चुका है। इसके साथ ही कानून बनाकर अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना आरंभ की गई है। यही नहीं, विधवा एवं एकल नारी के बच्चों की शिक्षा का खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है।

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