सोलन, 18 फरवरी शूलिनी विश्वविद्यालय में   संस्थापक और चांसलर प्रोफेसर पी.के. खोसला  का 84वां जन्मदिन प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया गया , कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के साथ उत्कृष्टता, नवाचार और सामाजिक कल्याण के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को उजागर किया गया।
दिन की शुरुआत डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन, “भारत में हरित क्रांति के जनक”, जिन्हें हाल ही में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, की प्रतिमा के अनावरण के साथ हुई, और सेंटर ऑफ हैप्पीनेस की आधारशिला   भी रखी गई।

विश्वविद्यालय परिसर  मंदिर में आयोजित हवन में संकाय, कर्मचारी सदस्यों और छात्रों ने भाग लिया। इसके बाद केक काटने की रस्म हुई। बाद में अपने जन्मदिन को प्रेरणा दिवस के रूप में मनाने के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रो. खोसला ने कहा कि जीवन गुलाबों की सेज नहीं है और इस बात पर जोर दिया कि प्रतिकूलताओं को अवसरों में बदलना चाहिए। उन्होंने संकाय और छात्रों को परिप्रेक्ष्य में बदलाव और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

प्रोफेसर खोसला ने भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपना दृष्टिकोण व्यक्त किया, और इस विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा देश की गहरी जड़ें जमा चुकी आध्यात्मिक मान्यताओं और कर्म के सिद्धांत के अद्वितीय पालन को बताया। उन्होंने राष्ट्र के विकास में आध्यात्मिकता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इन मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता इसे वैश्विक मंच पर अलग करती है।

फाउंडेशन फॉर लाइफ साइंसेज एंड बिजनेस मैनेजमेंट की अध्यक्ष श्रीमती सरोज खोसला ने प्रोफेसर खोसला को बहुत दृढ़ इच्छा शक्ति वाला व्यक्ति बताया और कहा कि उन्होंने अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की है। इस कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर अतुल खोसला, ट्रस्टी  सतीश आनंद और  अशोक आनंद, पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. आरसी सोबती, अध्यक्ष इनोवेशन  आशीष खोसला, मुख्य शिक्षण अधिकारी श्रीमती  आशू खोसला,  उपाध्यक्ष प्रवेश और प्लेसमेंट श्रीमती अवनी खोसला, डॉ. जेएम जुल्का और डॉ. सुनील पुरी सहित विश्वविद्यालय के शीर्ष प्रबंधन ने भाग लिया। 

सेंटर ऑफ हैप्पीनेस का उद्घाटन व्यक्तियों के बीच मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो शिक्षा और कल्याण के लिए विश्वविद्यालय के समग्र दृष्टिकोण को रेखांकित करता है। प्रेरणा दिवस के उत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी हुईं और सहायक प्रोफेसर लोकिंदर कुमार शर्मा को प्रतिष्ठित नेचर जर्नल में शोध पत्र प्रकाशित करने के लिए पांच लाख का पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा वर्ष 2023  में सर्वाधिक रिसर्च पेपर पब्लिश करने के  लिए अस्सिस्टेंट प्रोफ दीपक कुमार को  50,000 रूपए का इनाम दिया गया और  प्रो  प्रदीप और  पंकज रायज़ादा  को भी रिसर्च में उत्कृष्ट प्रदर्शन  के लिए  सम्मानित किया गया । मंच संचालन सहायक प्रोफेसर इंदु नेगी ने किया।

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