धर्मशाला, 16 नवम्बर। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तेजी से बदलते समय में मीडिया जगत के लिए काफी उपयोगी सिद्व हो सकती है इससे विभिन्न सामग्री को व्यवस्थित करने, क्रमबद्ध करने और रिपोर्टिंग में मदद मिलेगी।यह उद्गार उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने वीरवार को उपायुक्त कार्यालय परिसर में प्रेस दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में सूचनाओं के अत्यधिक प्रवाह के कारण प्रासंगिक सूचनाएं आज के समय की जरूरत हैं।

उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि किसी भी तकनीक के फायदे तथा नुक्सान होते हैं तथा इन तकनीकों का उपयोग विवेक के आधार पर किया जाए तो निश्चित रूप से समाज को लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि मानवीय बुद्धिमत्ता का कृत्रिम बुद्धिमत्ता कभी 100 प्रतिशत स्थान नहीं ले सकती है। उन्होंने इसके सकारात्मक उपयोग करने पर बल दिया। इस अवसर पर सभी पत्रकारों को शुभकामनाएं देते हुए उपायुक्त ने कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उपलक्ष्य पर चर्चा के लिए इस बार भारतीय प्रेस परिषद ने बहुत ही महत्वपूर्ण विषय निर्धारित किया है।


इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रोफेसर डा प्रदीप नायर ने कहा कि कि प्रौद्योगिकी के इस युग में हर क्षेत्र में बड़ी तेजी से नित नए बदलाव देखने को मिल रहे हैं। विशेषकर, सूचना प्रौद्योगिकी एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे आम जनजीवन में बहुत बड़े परिवर्तन ला रही है। पत्रकारिता का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि समय के साथ कुछ काम खत्म हो जाते हैं परन्तु इससे नई संभावनाएं भी पैदा होती हैं।

उन्होंने पत्रकारों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने पर बल देते हुए कहा कि इससे नुकसान कम और फायदे ज्यादा हैं। इंटेलिजेंट मशीनों से पत्रकारों की रिपोर्टिंग बेहतर हो सकती है। उनकी रचनात्मकता और दर्शकों को जोड़ने की क्षमता बढ़ सकती हैं। इसके आधार पर किसी डेटा पैटर्न को समझने के लिए पूर्वानुमान का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही, इन पैटर्न में बदलाव को भी समझना अब संभव है। ऐसे एल्गोरिदम को सीखना पत्रकारों के लिए काफी उपयोगी होगा। चर्चा में सभी पत्रकारों ने आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस की मीडिया में उपयोगिता को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।

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