सोलन, 11 जून शूलिनी यूनिवर्सिटी ने राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के सहयोग से कल ‘क्षमता निर्माण और व्यक्तिगत विकास कार्यक्रम’ का उद्घाटन किया। लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आयोजित सेमिनार में विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों की छात्राओं ने जबरदस्त भागीदारी की।

क्षमता निर्माण और व्यक्तित्व विकास संगोष्ठी के लिए आवेदन करने वाले 152 विश्वविद्यालयों में से शूलिनी विश्वविद्यालय 61 चयनित संस्थानों में से एक था। इस कार्यक्रम में एसआईएलबी, नर्सिंग कॉलेज, डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी नौणी विश्वविद्यालय और शूलिनी विश्वविद्यालय की छात्राओं की उपस्थिति देखी गई, जिसने इसे वास्तव में प्रभावशाली सभा बना दिया।

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) एक वैधानिक निकाय है जो भारतीय महिलाओं के अधिकारों के लिए एक वकील के रूप में कार्य करता है, महिलाओं को प्रभावित करने वाली नीतियों पर सरकार को सलाह देता है। आयोग ने महिलाओं को सशक्त बनाने और चिंता के मुद्दों को संबोधित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम को बहुमूल्य समर्थन प्रदान किया।

संगोष्ठी प्रभावी नीति निर्माण, विधायी उपायों, कानून प्रवर्तन, योजना कार्यान्वयन और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव और हिंसा से निपटने के लिए रणनीतियों के माध्यम से महिलाओं के अधिकारों और अधिकारों को हासिल करने पर केंद्रित थी।

इस कार्यक्रम की शुरुआत शूलिनी फाउंडेशन और एसआईएलबी की अध्यक्ष श्रीमती सरोज खोसला के उद्घाटन भाषण से हुई, जिन्होंने महिलाओं के सहज गुणों जैसे अंतर्ज्ञान और दयालुता पर जोर दिया। उन्होंने उपस्थित लोगों को प्रतिज्ञान का अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित किया ‘मैं यह कर सकती  हूँ; मैं यह करूंगी’ और राष्ट्र निर्माता के रूप में लड़कियों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया।

डॉ यूके नियोगी, मुख्य वक्ता, इंदिरा गांधी साधना अवार्डी और शूलिनी विश्वविद्यालय में अनुसंधान परियोजनाओं के निदेशक, ने विश्व स्तर पर महिलाओं को सशक्त बनाने की प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने क्षमता निर्माण और व्यक्तित्व विकास के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने, रोजगार तैयारियों, पारस्परिक कौशल और रचनात्मक सोच पर ध्यान केंद्रित करने के कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।

 डेलिना खोंगडुप, एक पेशेवर वकील और कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ने राष्ट्रीय महिला आयोग की वेबसाइट, ncw.inc.in पर प्रकाश डाला, जिसमें महिलाओं के लिए उनकी शिकायतों को सुनने के लिए एक शिकायत प्रकोष्ठ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी देश को तब तक विकसित नहीं माना जा सकता जब तक कि उसकी महिलाएं सशक्त न हों। सुश्री खोंगडुप ने महिला दिवस 2023 की थीम “डिजिटऑल: इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फॉर जेंडर इक्वेलिटी” पर भी प्रकाश डाला।

दिल्ली में प्रबंधन शिक्षा और अनुसंधान संस्थान की डीन डॉ. दीपिका कालरा ने साइबर क्राइम पर प्रस्तुति दी और हमारे हितों की रक्षा के लिए डिज़ाइन किए गए एप्लिकेशन की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। विशेष रूप से, उन्होंने जीमेल, गूगल ड्राइव और गूगल शीट्स पर चर्चा की, व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के लिए सुरक्षा सुविधाओं का प्रदर्शन किया।

शूलिनी विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमर राव ने कार्यस्थल की सफलता के लिए आवश्यक क्षमताओं पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने फलते-फूलते करियर के लिए महत्वपूर्ण कौशल के रूप में प्रभावी संचार, समस्या-समाधान, टीम वर्क, अनुकूलन क्षमता और समय प्रबंधन पर जोर दिया।संगोष्ठी में सुश्री पूनम नंदा, छात्र कल्याण के डीन के नेतृत्व में एक आकर्षक प्रश्न और उत्तर सत्र भी शामिल था।

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