पालमपुर, 25 जनवरी :- मुख्य संसदीय सचिव, शहरी विकास एवं शिक्षा आशीष बुटेल ने कहा कि पालमपुर वीरों और बलिदानियों की भूमि है जिन्होंने मातृ भूमि के लिये अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। ऐसे देश भक्तों को नमन करने और उनसे प्रेरणा लेने के लिये पालमपुर में युद्ध स्मारक बनाया जाएगा। सीपीएस बुधवार को संयुक्त कार्यालय परिसर में 108 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज के अनावरण अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह गौरव की बात है कि जिला में सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज पालमपुर में स्थापित हुआ है और इसके लिये पालमपुर प्रशासन बधाई का पात्र है। उन्होंने इस अवसर पर 108 फुट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज स्थापना में योगदान देने वाले लोगों का भी आभार प्रकट किया।
आशीष ने कहा कि पालमपुर वीर भूमि के नाम से जानी जाती है और भारतीय सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र सर्वप्रथम शहीद मेजर सोम नाथ शर्मा को उनके अदम्य साहस और पराक्रम के लिये दिया गया। कारगिल युद्ध में शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा को भी उनके पराक्रम के परमवीर चक्र दिया गया।उन्होंने कहा कि शांति काल का सर्वोच्च सम्मान अशोक चक्र शहीद मेजर सुधीर वालिया को उनकी वीरता के लिये दिया गया। इसके अलावा कैप्टन सौरभ कालिया सहित कई वीरों ने मातृ भूमि की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि बलिदानियों के इतिहास को लोग जाने, उन्हें नमन कर सकें और प्रेरणा लें। पालमपुर में ऐसा एक स्मारक बनाने की दिशा में प्रयास जारी है।
उन्होंने कहा कि युद्ध और शांति कॉल में भारतीय सेना के तीन सर्वोच्च सम्मान पालमपुर के वीर सपूतों को दिए गए हैं। इसके अलावा भी सेना में पालमपुर और प्रदेश के कई जांबाजो ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। ऐसे ही वीर सपूतों को सच्ची श्रद्धांजलि देने, उन्हें नमन और उनके बलिदान को याद करने के लिए 108 फुट ऊंचा तिरंगा यहां स्मारक के रूप स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी पालमपुर की समाज सेवी संस्थाओं ने 1025 मीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाल कर रिकॉर्ड स्थापित किया है। इस यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के साथ उन्हें भी शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उन्होंने कहा कि पालमपुर आने बाले लोगों को पालमपुर के इतिहास की जानकारी मिले इसके लिये यहां युद्ध स्मारक बनाने की दिशा में प्रयास आरम्भ कर दिए गए हैं।