सोलन, 22 दिसंबरएक बड़ी उपलब्धि में, शूलिनी यूनिवर्सिटी के स्टार्ट-अप – शूलिनी लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड – को हिमाचल की पहली व्यावसायिक खाद्य परीक्षण सुविधा घोषित किया गया है, जिसे राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) द्वारा अनुमोदित किया गया है। बोर्ड भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के मार्गदर्शन में एक स्वायत्त निकाय है, जिसका उद्देश्य देश में नैदानिक ​​प्रयोगशालाओं के परीक्षण और अंशांकन के लिए मान्यता प्रदान करना है।

हिमाचल प्रदेश में व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए तैयार किए गए सभी खाद्य उत्पादों के खाद्य परीक्षण और प्रमाणीकरण के लिए शूलिनी लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड में अच्छी तरह से सुसज्जित और आधुनिक प्रयोगशाला को मंजूरी दी गई है। इसमें पीने के पानी का परीक्षण, भारी धातुओं की उपस्थिति और भोजन और कृषि उत्पाद भी शामिल हैं।

खाद्य या खाद्य उत्पाद बेचने वाले सभी प्रतिष्ठानों को एनएबीएल-प्रमाणित प्रयोगशाला से प्रमाणन प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। प्रयोगशाला तीन प्रमुख उच्च स्तरीय उपकरणों अर्थात् ICP-OES, GC-MS-MS, UHPLC, DLS, AFM और FE-SEM से सुसज्जित है। ये उपकरण विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों के साथ-साथ खाद्य पदार्थों और अन्य वस्तुओं की गुणवत्ता और सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।शूलिनी यूनिवर्सिटी के संस्थापक और प्रो चांसलर  विशाल आनंद ने घोषणा करते हुए कहा कि भोजन और पानी हमारे अस्तित्व का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

राज्य के नागरिकों के लिए उपलब्ध भोजन की गुणवत्ता कई स्वास्थ्य मानकों को निर्धारित करती है और वास्तव में जीवन की गुणवत्ता को परिभाषित करती है। उन्होंने कहा कि यह मंजूरी हिमाचल प्रदेश में बेहतर जीवन और जीवनशैली लाने के मिशन की दिशा में एक और कदम है।शूलिनी विवि के स्कूल ऑफ बायोइंजीनियरिंग एंड फूड टेक्नोलॉजी के प्रमुख डॉ दिनेश कुमार के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में अब तक ऐसी किसी सुविधा की कमी को देखते हुए पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में स्वीकृत प्रयोगशालाओं के माध्यम से इस तरह के परीक्षण किए गए।

By admin

Leave a Reply

%d