धर्मशाला, 5 दिसम्बर। राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला में आज विश्व मृदा संरक्षण दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.  राजेश शर्मा ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। उन्होने विधार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष 5 दिसम्बर को मृदा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि मिट्टी पृथ्वी पर एक महत्वपूर्ण संसाधन है जो प्रत्यक्ष रूप से वनस्पतियों के उपज के लिए सहायक है। उन्होंने कहा कि मिट्टी धरती पर मानव जीवन तथा पशुओं को भी अप्रत्यक्ष रूप से संवर्धन में सहायता करती है व मिट्टी जीवन के लिए अमूल्य है। कार्यक्रम अधिकारी डॉ अंजना ने कहा कि मनुष्यों की गलत गतिविधियों की वजह से मृदा नष्ट और दूषित हो रही है।

उन्होंने कहा कि इसका असर केवल धरती पर ही नहीं बल्कि सभी तरह के जीव-जंतु, पेड़-पौधे और मानव जाति पर दिखाई पड़ रहा है। जिस कारण से मृदा का संरक्षण करना बहुत जरूरी है। डॉ. अंजना ने बताया कि विद्यार्थियों में मृदा संरक्षण के प्रति जागरूकता हेतु पोस्टर बनना, नारा लेखन इत्यादि गतिविधियां करवाई गई, जिसमें 46 विद्यार्थियों ने भाग लिया। नारा लेखन प्रतियोगिता में बी.एस.सी तृतीय वर्ष की गोरी प्रथम, मानसी द्वितीय तथा अदिती ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसके अलावा पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान बी.एस.सी तृतीय वर्ष की हिमानी ने झटका तथा महक द्वितीय व तृतीय वंशिका रही। इसके अलावा प्रतियोगिता में सांत्वना पुरस्कार दीक्षा व दिवांशी को दिया गया। कार्यक्रम में जज का कार्य प्रो. ज्योति द्वारा किया गया। उन्होने कहा कि मृदा अपरदन अथवा भूमि कटाव भारत की गंभीर समस्या है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में मृदा संरक्षण हेतू जैविक उपाय व अभियांत्रिक उपाय को महत्व देने की आवश्यकता है।

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