शिमला (सुन्नी) 18 सितंबर – लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह की अध्यक्षता मे आज शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विकासखंड बसंतपुर की सभी 24 पंचायतों के प्रधान, उपप्रधान, पंचायत समिति सदस्यों तथा जिला परिषद सदस्यों के साथ पंचायत क्षेत्र के विकास कार्यों विशेषकर लंबित कार्यों से संबंधित समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो, इसके लिए पंचायती राज संस्थाओं को और अधिक शक्तियां देकर मजबूत किया जा रहा है तथा महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है ताकि महिलाएं भी पंचायत क्षेत्र के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सके।
उन्होंने कहा कि विकास खंड बसंतपुर 1996 में संचालित किया गया था जिसका क्षेत्रफल लगभग 2117 हेक्टेयर है। उन्होंने कहा कि इस विकास खंड के अंतर्गत 24 पंचायतें आती है जिसमें 225 राजस्व गांव है जिनका विकास करवाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में मनरेगा के तहत वर्ष 2023-24 में 9.98 करोड़ रुपए की राशि व्यय की गई है, जिसके तहत 1440 कार्य स्वीकृत किए गए है, 510 कार्य पूर्ण कर लिए गए है जबकि 930 कार्यों के निर्माण जारी है। इसी प्रकार, वर्ष 2024-25 में वर्तमान तक 6.12 करोड़ व्यय किए जा चुके हैं जिसके तहत 455 कार्य स्वीकृत किए गए हैं जिसमें से 51 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं और 404 कार्यों का निर्माण जारी है। उन्होंने कहा कि विकास खंड बसंतपुर के अधीन 382 स्वयं सहायता समूह भी संचालित है, जिन्हे समय-समय पर वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा बहुत कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि महिलाएं अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूर्ण कर सके।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष व इस वर्ष बरसात के दौरान हुए नुकसान के मद्देनजर पूर्ण रूप से तथा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए मकानों के पुनर्निर्माण के लिए 113 लोगों को राहत राशि उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग के तहत विकासखंड बसंतपुर के विकास कार्यों के लिए इस वर्ष लगभग 62 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई है जिनके निर्माण कार्य जारी है। विभिन्न कार्यों के लिए स्वीकृत राशि निर्धारित समय अवधि के भीतर करें खर्च. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि कुछ पंचायतों के प्रधान अपने क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य कर रहे है लेकिन कुछ पंचायत प्रतिनिधि स्वीकृत राशि खर्च करने में उदासीनता दिखा रहे हैं जो कि चिंता का विषय है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि सरकार द्वारा विभिन्न कार्यों के लिए स्वीकृत की गई राशि निर्धारित समय अवधि के भीतर खर्च करें ताकि लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने पंचायत सचिवों को भी निर्देश दिए कि वह निर्माण कार्यों को करवाने के लिए समय अवधि के भीतर सभी औपचारिकताएं पूर्ण करवाएं अन्यथा उनके विरूद्ध कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
उन्होंने कहा कि शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र का विकास पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 वीरभद्र सिंह की देन है जिनके प्रयासों से इस क्षेत्र का समान विकास सुनिश्चित हुआ है और वर्तमान में भी शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में लगभग 280 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों के निर्माण कार्य जारी है जिसमें से 170 करोड़ रुपए की राशि सड़कों की अपग्रेडेशन, पुलों के निर्माण व सड़कों को पक्का करने पर खर्च की जा रही है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि खटनोल से दांडी बाग संपर्क सड़क पर 6.69 करोड रुपए की राशी तथा बल्देहा-धर्मपुर संपर्क सड़क के मैटलिंग कार्य पर 6.63 करोड रुपए की राशि खर्च की जा रही है। जबकि सन्हावो-शेलटी संपर्क सड़क पर 18 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस सड़क को चौड़ा करने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और मेटलिंग व सोलिंग का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि गड़कान से शील-शरोह संपर्क सड़क पर 6 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी, जिसकी डीपीआर स्वीकृति हेतु भेजी गई है, जबकि खैरा स्कूल के साइंस लैब के अतिरिक्त भवन के निर्माण पर 01 करोड़ 35 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे जिसकी डीपीआर भी तैयार कर स्वीकृति हेतु भेजी गई है।
उन्होंने कहा कि चाबा से मकड़छा संपर्क सड़क पर 28 लाख खर्च कर मेटलिंग कार्य किया गया है जबकि बडमैन से बसंतपुर संपर्क सड़क पर 5 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है जिसका निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि पॉलिटेक्निक कॉलेज बसंतपुर के भवन निर्माण के लिए 43 करोड रुपए की राशि खर्च की जाएगी जिसकी सभी औपचारिकताएं पूर्ण की जा रही है। उन्होंने कहा कितत्तापानी लुहरी सड़क सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है इसलिए इस सड़क को चौड़ा व पक्का करने के लिए 68 करोड रुपए की डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए भेजी गई है। इसी प्रकार सुन्नी स्कूल को मॉडल स्कूल का दर्जा प्रदान करने के लिए सभी प्रकार की सुविधा स्कूल को मिले, इसलिए 5 करोड रुपए की राशि खर्च की जा रही है।