शिमला, सितंबर 5 राजधानी शिमला के एपीजी शिमला विश्वविद्यालय ने शिक्षक दिवस के अवसर पर एपीजी शिमला विश्वविद्यालय का 12वां स्थापना दिवस विश्वविद्यालय के सभागार में मनाया गया। पाँच सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर 2012 को एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय स्थापना दिवस के साथ शिक्षक दिवस गरिमापूर्ण तरीके व विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आयोजित किया गया जिसमें विद्यार्थियों और शिक्षकों ने बढ़चढ़कर भाग लिया।
एपीजी शिमला विश्वविद्यालय स्थापना दिवस व शिक्षक दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. अंकित ठाकुर की देखरेख और विश्वविद्यालय छात्र-कमेटी ने कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के पूर्व वाईस-चांसलर प्रो. डॉ. आर.के. चौधरी ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की जबकि चांसलर इंजीनियर सुमन विक्रांत, प्रो-चांसलर प्रो. डॉ. रमेश चौहान और वाईस-चांसलर प्रो. डॉ. आर. एस. चौहान कार्यक्रम में वशिष्ठ अतिथि के रूप में विराजमान रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना और मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. आर.के. चौधरी ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के 12वें स्थापना दिवस के अवसर पर सभी कों हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षक दिवस शिक्षा और शिक्षकों के महत्त्व को समझने का अवसर मिलता है और बेहतर शिक्षा से समाज व राष्ट्र की प्रगति और विकास होता है। प्रो.चौधरी ने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्ति का मार्ग नहीं है, बल्कि हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करती है।
एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के 12वें स्थापना दिवस की बधाई देते हुए मुख्य अतिथि प्रो.आर.के. चौधरी ने कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय ने अपने शैशवावस्था से बड़े होते हुए कई चुनौतियों का सामना करते हुए शैक्षिक विकास की इस छोटी-सी यात्रा के दौरान प्रोफेशनल व टेकनिकल शिक्षा के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं. आज एपीजी शिमला विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश सहित देश और विदेशों में गुणात्मक शिक्षा के जरिये अपनी पहचान बना चुका है इसके लिए विश्वविद्यालय के शिक्षकवर्ग, प्रबंधन व विश्वविद्यालय प्रशासन बधाई के पात्र हैं।
एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के वाईस-चांसलर प्रो.डॉ. आर.एस. चौहान ने शिक्षकों और विद्यार्थियों को शिक्षक दिवस और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के 12वें स्थापना दिवस के अवसर पर सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों को सुभकामना व बधाई देते हुए कहा कि यह दिन न केवल हमारे शिक्षकों के योगदान को मान्यता देने के लिए होता है, बल्कि यह उनके प्रति आभार व्यक्त करने का भी एक महान अवसर है।
शिक्षक हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे हमें न केवल शिक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि हमारे चरित्र-निर्माण, समाज व राष्ट्र-निर्माण, मूल्यों और उच्च आदर्शों का निर्माण भी करते हैं। वाईस-चांसलर प्रो. आर.एस. चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षक दिवस भारत के पहले उपराष्ट्रपति व पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में मनाते हैं और उनके द्वारा सुझाए गए आदर्शों और व्यवहारिक शिक्षा व स्किल आधारित शिक्षा से विद्यार्थीवर्ग और शिक्षकवर्ग समाज और राष्ट्र को हर क्षेत्र में उन्नति की ओर ले जाने की ओर प्रेरित करते हैं।
उन्होंने कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने ज्ञान, विज्ञान, कला और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है। उन्होंने कहा कि इस परंपरा को और सुदृढ़ करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की स्थापना और संचालन में पूरे समाज का योगदान होता है। विश्वविद्यालयों को भी समग्र रूप से समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज भारत में हज़ारों विश्वविद्यालय हैं जिनमे अधिकतर निजी विश्वविद्यालय हैं क्योंकि सरकारों की ओर से अधिक सरकारी विश्वविद्यालय स्थापित करना मुश्किल है और इसलिए निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय स्थापित किए गए ताकि विद्यार्थवर्ग को बेहतर सुविधाओं के साथ बेहतर व गुणात्मक शिक्षा और स्किल आधारित शिक्षा मिले जो आगे चलकर विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनने का हुनर सिखाए और समाज व राष्ट्र की तरक्की में अपना योगदान दे सकें।
प्रो. चौहान ने कहा कि इस दिशा में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय हमेशा से प्रयासरत है और कहा कि शिक्षण संस्थानों को सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए सक्रिय होना चाहिए। प्रो. चौहान ने कहा कि ज्ञान इस सदी के विश्व बाजार में सबसे महत्वपूर्ण पूंजी के रूप में उभरा है और ज्ञान, बुद्धि व कौशल के क्षेत्र में भी निरंतर परिवर्तन हो रहे हैं।
मुख्य अतिथि प्रो. आर.के. चौधरी, चांसलर इंजीनियर सुमन विक्रांत, प्रो-चांसलर प्रो. रमेश चौहान, रजिस्ट्रार डॉ. अंकित ठाकुर, डीन एकेडेमिक्स प्रो. डॉ. आनंदमोहन शर्मा, प्रो. डॉ. अश्वनी शर्मा, परीक्षा नियन्त्रक अफ़ज़ल खान ने खेलकूद प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अव्वल रहे मेधावी विद्यार्थियों और बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों को सम्मानित किया।