सोलन, 23 फरवरी शूलिनी विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय ने “इंजीनियरिंग में भौगोलिक सूचना प्रणाली और रिमोट सेंसिंग के अनुप्रयोग” पर तीन सप्ताह तक चलने वाले फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (FDP) का आयोजन किया।
एफडीपी का उद्देश्य इंजीनियरिंग में नए शुरू किए गए स्नातक कार्यक्रम यानी बी.टेक में शुरू किए गए भू-सूचना विज्ञान पाठ्यक्रमों के लिए संकाय सदस्यों को प्रशिक्षित करना था।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और जियोइन्फॉर्मेटिक्स में विशेषज्ञता के साथ सिविल इंजीनियरिंग। विशिष्ट विशेषताओं वाला यह पाठ्यक्रम अपनी तरह का अनूठा है और यह उद्योग-उन्मुख है, जो बदलते हाई-टेक परिदृश्य की जरूरतों को पूरा करता है।
FDP को गरुडालिटिक्स प्राइवेट लिमिटेड से रितम चक्रवर्ती द्वारा डिलीवर किया गया।

गरुडालिटिक्स प्राइवेट लिमिटेड  हैदराबाद स्थित संगठन है जो उद्योग-सिद्ध विज्ञान और डिजिटल तकनीकों जैसे भू-स्थानिक विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IoT) और ब्लॉक श्रृंखला पर काम कर रहा है। एफडीपी का समापन चांसलर प्रो. पी.के. खोसला के समापन भाषण के साथ हुआ। डॉ. वी. रिहानी (डीन इंजीनियरिंग), डॉ. एस. एस. चंदेल निदेशक ऊर्जा, और डॉ. भास्कर गोयल स्कूल के प्रमुख ने भी एफडीपी में भाग लिया।

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