शिमला: एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस की ओर से विभागाध्यक्ष डॉ. प्राची वैद की अगुवाई में मंगलवार को विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया। वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक-विज्ञान विषय पर आधारित इस कार्यक्त्रम में हिमाचल सरकार के मेडिकोलीगल सलाहकार एवं इंदिरा गांधी मेडिकल शिमला के पूर्व प्रोफेसर और डॉ. यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में प्रधानाचार्य रहे डॉ. हरिन्दरजीत सिंह ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की, जिसमें एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने भाग लिया।

एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने मुख्यतिथि प्रो. डॉ. हरिन्दरजीत सिंह का हिमाचली टोपी व शॉल पहनाकर स्वागत किया। कुलपति प्रो. रमेश चौहान ने सभी छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कार्यक्रम उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की बधाई देते हुए कहा कि यह दिन भारत के महान वैज्ञानिक भारत रत्न व नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. सी.वी. रमन और उनकी रमन-प्रभाव की खोज की यादगार में मनाया जाता है। कुलपति चौहान ने कहा कि वैज्ञानिक सी.वी. रमन की वैज्ञानिक खोजों ने भारत के आधुनिक विज्ञान खोजों की नींव रखी थी और उनके योगदान को वर्तमान और आने वाली पीढ़ियाँ नए नवाचारों के लिए प्रेरित होती रहेगी। कुलपति चौहान ने कहा कि विज्ञान के विकास व बढ़ते उपयोग में मानव जीवन की कई गतिविधियों को बेहद आसान बना दिया है।

विज्ञान भावी पीढ़ी के लिए केवल साधन मात्र नही बल्कि यह वैश्विक मानव जीवन के कल्याण के लिए समृद्ध है यदि इसका उपयोग सही दिशा में किया जाए। वहीं मुख्यतिथि प्रो. डॉ. हरिन्दरजीत ने अपने संबोधन में छात्र-छात्राओं को जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने को प्रेरित करते हुए नसीहत भी दी कि वास्तविक सफलता अनुशासन और लोक कल्याण की भावना के बिना प्राप्त नहीं की जा सकती। उन्होंने विश्वास जताया कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्र आने वाले समय में श्रेष्ठ व्यवसायी, डॉक्टर, इंजीनियर , वैज्ञानिक बनने से पहले जि़म्मेदार नागरिक बनेंगे। प्रो. हरिन्दरजीत ने बड़े ही सरल शब्दों में विज्ञान की विशालता, महानता एवं सर्वव्यापकता पर दिए वक्तव्य से छात्र – छात्राओं को खुब प्रेरित किया।

उन्होंने एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में नए शैक्षणिक सत्र से शुरू किए जा रहे पैरामेडिकल साइंसेज के विभिन्न पाठ्यक्रमों व डिप्लोमा के बारे व मेडिकल में करियर बनाने बारे छात्र-छात्राओं को बताया कि मेडिकल क्षेत्र में कामयाब होने के युवाओं के लिए ढेरों अवसर हैं लेकिन इसके लिए रुचि, लगन और वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी चाहिए। महान भारतीय वैज्ञानिक सी. वी. रमन, डॉ. एपेजे अब्दुल कलाम, माइकल फैराडे, विक्रम साराभाई, टिमोथी बरनर्स ली, मनु प्रकाश, संजीव धुरंधर, नंदन निलेकनी, जैसी शख्सियतों के योगदान के उदाहरण देते हुए प्रो. डॉ. हरिन्दरजीत ने कहा कि विज्ञान वही सर्वश्रेष्ठ है जो मानवता के कल्याण को समर्पित हो।

विश्वविद्यालय में फोरेंसिक साइन्स की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने विज्ञान से जुड़ी तकनीकों, महान वैज्ञानिकों की नीवं व उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण विषयों पर अपने विस्तृत वक्तव्यों से यह सिद्ध किया कि विज्ञान की थोड़ी ही लेकिन सही समझ से किस तरह से कोई भी अपने जीवन में खुशहाली ला सकता है। विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में होनहार छात्र छात्राओं द्वारा लगाई अनेक प्रदर्शनियों के माध्यम से उन्होंने जीवन के हरेक पहलू में विज्ञान की महत्ता को सिद्ध किया।

इस अवसर पर एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार पॉल, विश्वविद्यालय के मुख्य सलाहकार व पूर्व इंजीनियर-इन-चीफ इंजीनियर विक्रांत सुमन, डीन प्रो. रोहिणी धड़ेला, डॉ. मनिंदर कौर, इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अंकित ठाकुर, अन्य विभागों के विभागाध्यक्ष, कार्यकारी अधिकारी और प्राध्यापक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में पैरामेडिकल साइंसेज की विभागाध्यक्ष डॉ. प्राची वैद ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद ज्ञापन दिया व मुख्यतिथि सहित विश्वविद्यालय के कुलपति, शिक्षकों, प्रबंधन टीम और छात्र-छात्राओं का धन्यवाद किया।

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