अटल शिक्षा कुंज, कालूझिंडा स्थित आईईसी विश्वविद्यालय के बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) सेल ने हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (हिमकोस्टे) के सहयोग से 30-31 मार्च, 2022 को “बौद्धिक संपदा अधिकार: हाल के प्रतिमान” विषय पर दो दिवसीय सेमिनार का सफल आयोजन किया। इस राष्ट्रीय सेमिनार में देश के विभिन्न संस्थानों के लगभग 250 प्रतिभागियों ने ऑफलाइन और ऑनलाइन माध्यम से संगोष्ठी में भाग लिया। इस अवसर पर आईईसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० (डॉ०) शमीम अहमद ने बताया कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य बौद्धिक संपदा के विभिन्न पहलुओं, पेटेंट फाइलिंग प्रक्रिया, कॉपीराइट प्रक्रिया के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों को एक बेहतर मंच प्रदान करने के उद्देश्य से इस सेमिनार का आयोजन किया गया है।

कार्यक्रम की शुरुआत विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन द्वारा की गई। तकनीकी सत्र में डॉ० सुरेश कुमार, सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर, फार्मास्युटिकल एंड ड्रग रिसर्च विभाग पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला द्वारा “हर्बल उत्पादों के साथ आईपीआर मुद्दे” विषय पर विस्तृत व्याख्यान द्वारा की गई। इस सेमिनार में दूसरा व्याख्यान “ट्रेडमार्क पंजीकरण प्रमाण पत्रों से संबंधित तकनीकी और प्रक्रियात्मक पहलू” विषय पर डॉ० राहुल तनेजा, वैज्ञानिक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (हरियाणा सरकार) पंचकुला द्वारा दिया गया। इस कड़ी में डॉ० शैलेश शर्मा, प्रो० और निदेशक अमर शहीद बाबा अजीत सिंह जुझार सिंह मेमोरियल कॉलेज ऑफ फार्मेसी, रूपनगर पंजाब ने “कॉपीराइट कैसे दर्ज करें” पर लाइव प्रदर्शन कर सभी को कॉपीराइट फाइल करने के सहज तरीके से अवगत करवाया।

सेमिनार के दूसरे दिन के तकनीकी सेशन में डॉ० शशि धर समन्वयक एचपी रोगी सूचना केंद्र, शिमला, हिमकोस्टे द्वारा “बौद्धिक संपदा अधिकार: शिक्षाविदों, अनुसंधान और उद्यमिता का दायरा”, विषय पर विस्तृत चर्चा की। “ड्रग रेगुलेटरी अप्रूवल प्रक्रिया: कोविड परिदृश्य में दायरा, चुनौतियाँ और भविष्य”, इस विषय पर विपुल कुमार गुप्ता हेड रेगुलेटरी अफेयर्स, रोश प्रोडक्ट्स, इंडिया प्रा० लिमिटेड, नई दिल्ली द्वारा व्याख्यान किया गया इस कड़ी में अंतिम वक्ता डॉ० कांकीपति श्रीनिवास राव एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ कॉमर्स विवेक वर्धिनी कॉलेज ऑफ आर्ट्स कॉमर्स साइंस एंड पीजी स्टडी (उस्मानिया यूनिवर्सिटी) जंबाग, कोटि, हैदराबाद रहे जिन्होंने “डिजाइन पेटेंट और कुछ धारणाएं”, थीम पर अपना ज्ञान व अनुभव साझा किया। यह कार्यक्रम सभी प्रतिभागियों के लिए बेहद फायदेमंद रहा।


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