पालमपुर, 10 फरवरी :-   प्रदेश में सरकारी शिक्षण संस्थानों की पहचान  निशुल्क शिक्षा के स्थान पर बेहतर और गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की बने। इसके लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है।       मुख्य संसदीय सचिव शहरी विकास एवं शिक्षा आशीष बुटेल शुक्रवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बंदला के वार्षिक उत्सव में मुख्य अतिथि के रुप में  बोल रहे थे।     

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण स्कूलों के बंद रहने और ऑनलाइन शिक्षा के कारण बच्चों की शिक्षा में प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 काल के चलते बच्चों की शिक्षा में जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई के लिये छात्रों, अध्यापकों और अभिभावकों को सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 काल के पश्चात सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य को उज्जवल बनाने और संवारने के लिए अध्यापकों को और कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।    

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने हर विधानसभा क्षेत्र में डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में नईं अवधारणा में स्थापित होने वाले इन स्कूलों में बच्चों को शिक्षा के साथ अन्य सुविधायें भी उपलब्ध की जायेंगी।  उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में नया करने और छात्रों के भविष्य को और  सवारने तथा उज्जवल बनाने के लिये लोग अपने सुझाव दे सकते हैं।   

आशीष ने सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य को निर्देश दिए कि  सरकार द्वारा बच्चों के लिये चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ  छात्रों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।  उन्होंने छात्रों को वार्षिक उत्सव की बधाई देते हुए कहा कि वार्षिकोत्सव किसी भी संस्थान के आत्म अवलोकन का समय होता है। उन्होंने कहा कि ऐसे उत्सवों में  छात्रों की प्रतिभा दिखाई देती है और इसमें निखार आता है। उन्होंने कहा कि इससे छात्रों का आत्म विश्वास बढ़ता है जो भविष्य में इनके काम आता है। उन्होंने इस अवसर पर विद्यालय के होनहार छात्रों को पुरस्कृत किया।     

उन्होंने विद्यालय के शौचालय निर्माण के लिए डेढ़ लाख, विद्यालय में 2 अतिरिक्त कमरों और सांस्कृतिक  गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 21 हजार देने की घोषणा की। उन्होंने विद्यालय रिपेयर कार्य के लिए राशि देने का आश्वासन दिया।

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