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शिमला, 26 मार्च उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने आज बचत भवन सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग जिला शिमला एवं जिला प्रशासन द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि हर वर्ष बेटियां नागरिक सेवाएं, खेल-कूद एवं अन्य सभी क्षेत्रों में सराहनीय प्रदर्शन कर रही हैं। बेटियां आज बेटों से अधिक ऊर्जावान हैं और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के समान अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है।

आदित्य नेगी ने कहा कि मानवीय सरोकारों को सर्वोच्च अधिमान देते हुए प्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए आरम्भ की गई अनेक योजनाओं को जिला में सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया जा रहा है। उन्होंने गुड़िया हेल्पलाईन, शक्ति बटन ऐप, बेटी है अनमोल योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना सहित विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी प्रदान की।
आदित्य नेगी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत जिला में 10वीं कक्षा की मेधावी छात्राओं शिवानी दोटु, सहज श्याम, अदिति खिटा, अदविका व महक शर्मा तथा 12वीं कक्षा की मेधावी छात्राओं रूपाली कैथ, सोनिका शर्मा, नेहा, नयन वर्मा एवं निकिता नेगी को 5-5 हजार रुपये के चैक और प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य समाज में बेटियों के प्रति भेदभाव की भावना को दूर करने के साथ-साथ समाज में जागरूकता एवं बेटियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी शिमला वंदना चैहान ने मुख्यातिथि एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं तथा गतिविधियों के बारे में भी अवगत करवाया। इस अवसर पर विषय विशेषज्ञ एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एच.आर. ठाकुर ने पूर्व गर्भधारण और पूर्व प्रसव निदान तकनीक अधिनियम 1994 पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। जिला प्रशासन एवं महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा तैयार किया गया लघु वृत्तचित्र ‘दि रेड टैबू’ भी प्रदर्शित किया गया।

बाल विकास परियोजना अधिकारी मशोबरा रूपा रानी ने मासिक धर्म एवं स्वच्छता विषय पर व्याख्यान दिया।  
कार्यशाला में जिला में विभिन्न क्षेत्रों से आई महिलाओं ने अपने विचार साझा किए तथा विभिन्न विषयों पर संवाद किया।
बाल विकास परियोजना अधिकारी शिमला शहरी ममता पाॅल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।  इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पर्यवेक्षक, सशक्त महिला योजना के अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों की सदस्य, आंगनबाड़ी स्तरीय कमेटी के सदस्य एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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