शिमला की निवासी डॉ. आरूषि जैन ने प्रतिष्ठित इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) में नीति निदेशक के रूप में नियुक्त होकर हिमाचल को गौरवन्वित किया है। यह संस्थान भारत का शीर्ष प्रबंधन संस्थान और एशिया के शीर्ष पांच संस्थानों में शामिल हैं। डॉ. जैन आईएसबी के नीति अनुसंधान केंद्र, भारती इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी से जुड़ी हैं। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा लोरेटो कॉन्वेंट तारा हॉल, शिमला से हुई है और उन्होंने लोक प्रशासन विभाग से डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। वह अपने विभाग की प्रथम यूजीसी-जेआरएफ/एसआरएफ है। उन्होंने पब्लिक एडमिनस्ट्रेशन के स्नातकोतर कार्यक्रम में वर्ष 2004 से 2009 तक शिक्षा भी प्रदान की है।
डॉ. आरूषि जैन ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हमीरपुर और हिमाचल कंस्लटेंसी ऑर्गेनाइजेशन सहित हिमाचल के विभिन्न संस्थानों में काम किया। वह परिवार के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका और उन्होंने वहां डयूक यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य किया। भारत वापिस आने पर डॉ. जैन वर्ष 2018 में एसोसिएट डायरेक्टर के रूप में आईएसबी में शामिल हुई। वर्तमान में वह सार्वजनिक नीति, प्रशासनिक अधिकारियों और विधायकों के प्रशिक्षण और सरकारी कार्यों के पेार्टफोलियों के प्रबंधन का कार्य देख रही हैं। डॉ. जैन ने हाल ही में अपने पिता डॉ. जेएन बरोवालिया के साथ साइबर लॉज एंड साइबर क्राइम, अक्तूबर 2021 संस्करण की एक पुस्तक का सह-लेखन किया है। उनकी पिछली किताब पब्लिक-प्राईवेट पार्टनशिप एंड कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी पर आधारित थी और प्रमुख पत्रिकाओं में उनके 40 से अधिक प्रकाशन हैं।
यह संस्थान वर्तमान में नीति आयोग, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (लबसना), भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, झारखंड, मेघालय, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना आदि राज्य सरकारों में और राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के साथ काम कर रहा है। डॉ. जैन सरकारी स्तर पर कार्यों का नेतृत्व कर रही, साक्ष्य-आधारित नीतिगत हस्तक्षेप, रीसर्च इनपुट और क्षमता निर्माण पहल से संबंधित हैं। संस्था परोपकारी एंजेसियों से बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, अन्तरराष्ट्रीय संस्थानों और अन्रराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ भी कार्य कर रही है।
डॉ. आरूषि पिछले दो दशकों से शिक्षा के क्षेत्र में भी अथक कार्य कर रही हैं। विद्यार्थियों को प्रेरित करने और मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से, वह अपने पति भारतीय प्रशासनिक सेवाएं अधिकारी अभिषेक जैन, के साथ हिमाचल के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं। वह हिमाचल प्रदेश रेडक्रॉस से गहरी जुड़ी हुई हैं और वर्ष 2007 से 2016 के मध्य, ऊना, हमीरपुर और कुल्लू जिला मंे रेडक्रॉस की जिला एचडब्ल्यूएस की अध्यक्ष रही। उन्होंने महिला सशक्तिकरण, बालिका शिक्षा और लिंगानुपात सुधार की दिशा में कई पहल की, जिसके लिए उन्हें वर्ष 2015 में ऊना में राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि अपने स्कूल के दिनों से ही उनकी सरकार और शासन संबंधी मुद्दों मंे और हमेशा नीति क्षेत्र में योगदान देने का सपना देखती थी। इस पद के माध्यम से, वह जमीनी स्तर पर नीतिगत प्रभाव पैदा करने में योगदान प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, वह सुशासन, सार्वजनिक नीति में नैतिकता, डिजिटल शासन, महिला अधिकारिता, ग्रामीण विकास और शिक्षा क्षेत्र के मुद्दों पर काम कर रही हैं। हिमाचल की यह बेटी निश्चित रूप से राज्य की कई युवा लड़कियों का पथ प्रदर्शन कर रही हैं।

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