जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन द्वारा आज नालागढ़ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत मनलोगकलां में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया। शिविर की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन की सचिव अंशु चौधरी ने की। अंशु चौधरी ने कहा कि देश के संविधान ने सभी नागरिकों को बराबरी का दर्जा प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को बराबर के न्यायिक अधिकार प्रदान करने की दिशा में जागरूकता महत्वपूर्ण है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में लोगों को इस दिशा में जागरूक बनाएं।


उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर वर्गों एवं पात्र व्यक्तियों के लिए मुफ्त कानूनी सहायता का प्रावधान है। उन्होंने इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। इसके लिए हर न्यायालय में फ्रन्ट ऑफिस खोले गए हैं। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि आपस में निपटने वाले मामलों को न्यायालय में लाने के स्थान पर स्वयं अथवा पंचायत स्तर पर या मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए बनाए गए मध्यस्थता केन्द्रों में विभिन्न मामले दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रखकर ही सुलझाए जाते हैं।


जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन की सचिव ने कहा कि ऐसे व्यक्ति निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं जिनकी वार्षिक आय 03 लाख रुपए से कम है। उन्होंने कहा कि महिलाएं, बच्चे, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, उद्योगों में काम करने वाले श्रमिक इत्यादि निःशुल्क कानूनी सहायता का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
शिविर में नालागढ़ न्यायालय के अधिवक्ता विवेक कौशल ने घरेलू हिंसा अधिनियम, मोटर वाहन अधिनियम, सूचना का अधिकार अधिनियम तथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर ग्राम पंचायत मनलोगकलां के प्रधान अमर सिंह नेगी, उप प्रधान संजीव कुमार, सचिव अनोखी राम सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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