स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा हेल्प ऐज इण्डिया के संयुक्त तत्वावधान में गत दिवस सोलन जिला के बड़ोग में विश्व श्रवण दिवस पर एक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। जागरूकता शिविर में जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी राकेश बाबू एवं बीसीसी समन्वयक राधा चैहान ने श्रवण हीनता के कारणों, लक्षणों एवं बचाव के बारे में अवगत करवाया।

उन्होंने कहा कि लम्बे समय से सर्दी, जुखाम, जन्म के समय बच्चे के बाह्या कान की बनावट ठीक न होना श्रवण हीनता के प्रमुख लक्षण हैं। कान की सफाई के लिए हेयर पिन, पैन्सिल, पैन, माचिस की तीली इत्यादि का प्रयोग घातक है। इससे व्यक्ति की सुनने की क्षमता पर विपरीत असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि हैड फोन डिवाइस का अधिक उपयोग, अधिक शोर में रहना भी श्रवण क्षमता को कमजोर कर सकता है। कान में किसी भी प्रकार की समस्या श्रवण क्षमता को प्रभावित करती है।

लोगों को जानकारी दी गई कि कान से अधिक वैक्स का बनना, कान में दर्द होना, कान लाल होना इत्यादि कर्ण रोग के संकेत हैं। उपस्थित जनसमूह को बताया गया कि कान में किसी भी तरह की समस्या को नज़रअंदाज न करें। कान में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर कान, नाक व गले (ईएनटी) विशेषज्ञ को तुरन्त दिखाएं। इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। प्रतियोगिता में 10 प्रतिभागियों को पुरस्कार भी वितरित किए गए। जागरूता शिविर में लगभग 50 लोगों ने भाग लिया।

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