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मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला डाॅ. सुरेखा चैपड़ा की अध्यक्षता में आज यहां पूर्व गर्भधारण और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी एंड पीएनडीटी) अधिनियम, 1994 के तहत गठित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया।
उन्होंने बताया कि यह अधिनियम कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए पारित किया गया है। इस अधिनियम के अंतर्गत प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध है तथा अधिनियम के तहत प्रसव पूर्व लिंग जांच पर पूर्णतः पाबंदी है।

उन्होंने बताया कि निजी स्वास्थ्य संस्थानों एवं सरकारी अस्पतालों में अल्ट्रासांउड कारगुजारी पर हर समय कड़ी नज़र रखी जा रही है ताकि लिंग का पता लगाने के लिए इसका दुरुपयोग न हो। उन्होंने बताया कि अप्रैल, 2021 से जनवरी, 2022 तक उपयुक्त पदाधिकारियों द्वारा कुल 60 निरीक्षण किए गए। इस अवसर पर जिला न्यायवादी आर.एस. परमार, स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एच.आर. ठाकुर एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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