उपायुक्त सोलन कृतिका कुलहरी ने कहा कि कुपोषण और एनीमिया की समस्या को समाप्त करने के लिए सभी को अपने पारिवारिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करना होगा। कृतिका कुलहरी आज यहां पोषण, वन स्टाॅप सेंटर, प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना तथा पोषण ट्रैकर विषय पर आयोजित एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहीं थीं।
उपायुक्त ने कहा कि विभिन्न योजनाआंे के माध्यम से कुपोषण और एनीमिया की समस्या को तभी समाप्त किया जा सकता है जब कुपोषित बच्चों के परिजन इस समस्या को समझें और पोषाहार की दिशा में सार्थक पग उठाएं। उन्होंने कहा कि परिजनों के सहयोग से ही देश के भविष्य को सुरक्षित रखा जा सकता है।  
उन्होंने कहा कि संतुलित आहार जीवन का आधार है तथा इस दिशा में जन-जन को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य 0-6 वर्ष के बच्चों में बौनापन, कुपोषण तथा रक्ताल्पता को दूर करना है। उन्होंने कहा कि 18 से 45 वर्ष तक के आयु वर्ग में किशोरियों और महिलाओं में एनीमिया की समस्या को दूर करने के लिए योजनाबद्ध कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा आयुष विभाग द्वारा सघन कार्य किया जा रहा है। पोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर महिलाओं को पोषाहार के साथ-साथ गर्भावस्था में आवश्यक जांच इत्यादि की जानकारी भी दे रही हैं।
कृतिका कुलहरी ने कहा कि 0 से 05 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों की समुचित जांच इत्यादि के विषय में जन-जन को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग सोलन को निर्देश दिए कि जिला में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर पोषाहार एवं नवजात तथा गर्भवती माता के सम्बन्ध में एकत्र की जाने वाली जानकारी का समुचित डाटाबेस तैयार करें और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ऐसे आवासांे में बार-बार जाने का प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि हमारा पारम्परिक भोजन एक अच्छा पोषाहार है और इसके नियमित प्रयोग से रक्ताल्पता को दूर करने एवं शरीर को स्वस्थ रखने में सहायता मिलती है।
इस अवसर पर ‘पूरक आहर-सम्पूर्ण आहार’ तथा मातृत्व सुरक्षा अभियान पर सारगर्भित चर्चा की गई।

जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेन्द्र तेगटा ने कार्यशाला में पोषाहार, वन स्टाॅप सेंटर एवं प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना की प्रगति की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि वन स्टाॅन सेंटर सोलन में पीड़ित महिलाओं को पुलिस सहायता, आश्रय सुविधा, स्वास्थ्य सेवा, आपातकालीन सहायता, कानूनी सहायता एवं परामर्श प्रदान किया जा रहा है।
कार्यशाला में कुपोषण, वन स्टाॅप सेंटर, प्रधानमंत्री मातृवंदना योनजा एवं पोषाहार ट्रैकर के विषय में प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विस्तृत जानाकरी प्रदान की गई।
जिला कार्यक्रम समन्वयक रेनू शर्मा ने प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के बारे में जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर सीडीपीओ कण्डाघाट पवन कुमार, सीडीपीओ अर्की विनोद गौतम, सीडीपीओ धर्मपुर वीना कश्यप, सीडीपीओ सोलन कविता गौतम, सीडीपीओ नालागढ़ भागचंद सहित जिला के सभी आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक उपस्थित थे।

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