धर्मशाला, 05 अप्रैल: हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद प्रो. वीरेन्द्र कश्यप ने कहा कि समाज के सभी वर्गों का कल्याण केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याणार्थ विभिन्न विभागों के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने के लिए समस्त अधिकारी प्राथमिकता के साथ मिल-जुल कर कार्य करें।
  प्रो. वीरेन्द्र कश्यप आज धर्मशाला में खंड विकास अधिकारी कार्यालय के सभागार में अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान के लिए कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं व अधिनियमों तथा अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत संचालित कार्यों की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।


उन्होंने कहा कि प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग का पुनर्गठन वर्ष 2021 में किया गया था। उन्होंने कहा कि आयोग अनुसूचित जाति वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक हितों का संवर्द्धन सुनिश्चित बनाता है। प्रो0 कश्यप ने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों विशेषकर अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। इन योजनाओं के लाभ लक्षित वर्गों तक समय पर पहुंचाने के लिए यह आवश्यक है कि लक्षित समूह को इन योजनाओं की पूर्ण जानकारी हो। इसके लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन के सहयोग से जागरूकता अभियान कार्यान्वित किए जाते हैं। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों का आह्वान किया कि वे अनुसूचित जाति वर्ग तक विभिन्न योजनाओं की पूर्ण जानकारी पहुंचाएं।


उन्होंने कहा कि बैठकों के आयोजन से जहां योजनाओं के प्रचार-प्रसार को बल मिलता है वहीं विभिन्न विभागों के मध्य समन्वय भी स्थापित होता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी अधिकारी समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए आयोजित की जाने वाली बैठकों में आना सुनिश्चित करें और अनुसूचित वर्गों की समस्याओं का समयबद्ध निपटारा करें। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यान्वित की जा रही योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंच रहा है।

उन्होंने इस बात के लिए जिला प्रशासन की तारीफ की कि जिला कांगड़ा में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के साथ भेदभाव के मामले बहुत की कम सामने आए हैं जिसके लिए जिला प्रशासन बधाई का पात्र है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों में अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत जो कार्य किये जा रहे हैं उनका सम्पूर्ण लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।
 

उपायुक्त कांगड़ा डॉ.निपुण जिंदल ने विश्वास दिलाया कि आयोग द्वारा दिये गये सुझावों की अनुपालना सुनिश्चित की जाएगी। जिला कल्याण अधिकारी रमेश कुमार ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। उन्होंने अवगत करवाया कि कांगड़ा जिला की कुल जनसंख्या का 21.15 प्रतिशत अनुसूचित जाति वर्ग है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला में अनुसूचित जाति वर्ग के कर्मचारियों की संख्या जिला की कुल कर्मचारियों की संख्या का 20.45 प्रतिशत है। जिला में अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 01 अप्रैल, 2016 से वर्ष 31 मार्च, 2022 तक लगभग 600 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं।

इस अवधि में अनुसूचित जाति वर्ग के 347 छात्रों को 9.12 करोड़ रुपए से अधिक के शिक्षा ऋण स्वीकृत किए गए हैं। स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के तहत वर्ष 2018-19 से लेकर वर्ष 2021-22 तक 1110 मामले स्वीकृत किए गए हैं। इन्हें 16 करोड़ रुपए से अधिक की अनुदान राशि स्वीकृत की गई है। इस अवसर पर बैजनाथ के विधायक मुल्ख राज प्रेमी, जयसिंहपुर के विधायक रविन्द्र धीमान, जीआईसी के अध्यक्ष मनोहर धीमान, हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अनीता धीमान, उपायुक्त कांगड़ा डॉ.निपुण जिंदल, पुलिस अधीक्षक खुशहाल शर्मा, निदेशालय अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्प संख्यक मामले व विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण हि0प्र0 शिमला से उप निदेशक सुरेश शर्मा, अध्यक्ष वाल्मीकि सभा पीएन चटवाल, धर्मशाला नगर निगम, जिला परिषद, नगर परिषद, पंचायत समिति से सम्बन्धित अनुसूचित जाति के सदस्य, समिति के सरकारी एवं गैर सरकारी सदस्य तथा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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