The Prime Minister, Shri Narendra Modi visiting the exhibition, in Mandi, Himachal Pradesh on December 27, 2021.

सरकार के 4 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में प्राकृतिक खेती आकर्षण का केंद्र बनी रही। मंडी जिला में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक खेती को अपना चुके किसानों का आभार जताया और देश के किसानों से इस खेती विधि को अपनाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का निरंतर काम कर रही है। आज प्राकृतिक खेती से हुई उपज की दुनिया भर में मांग बढ रही है। रसायनमुक्त उत्पाद आज विशेष आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। मुझे खुशी है कि हिमाचल प्रदेश इसमें बहुत अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज मैं विशेष रूप से हिमाचल के किसानों का अभिनंदन करना चाहता हूं कि उन्होंने प्राकृतिक खेती का रास्ता चुना।

छोटे से हिमाचल प्रदेश में इतने कम समय में डेढ़ लाख से अधिक किसान प्राकृतिक खेती के रास्ते पर चल पड़े हैं। उन्होंने कहा कि आज जब मैं प्रदर्शनी में प्राकृतिक खेती के उत्पाद देख रहा था तो उनका आकार और रंग-रूप बहुत लुभावना है। यह देखकर मुझे बहुत खुशी हुई। मैं हिमाचल को, हिमाचल के किसानों का इसके लिए हृदय से अभिनंदन करता हूं और देशभर के किसानों को आग्रह करता हूं कि हिमाचल ने जो रास्ता चुना है यह रास्ता उत्तम किसानी का उत्तम मार्ग है वे भी इस पर चलें। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब पैक्ड फूड का चलन चल रहा है तो हिमाचल इसमें भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में लगी प्रदर्शनियों के दौरान प्रधानमंत्री ने सबसे पहले प्राकृतिक खेती की प्रदर्शनी का मुआयना किया और इस दौरान उन्होंने प्राकृतिक खेती के उत्पादों का भी अवलोकन किया। इसके अलावा प्रदेश सरकार की ओर से चार साल की उपलब्यिों के उपर बनाई गई डॉक्यूमेंटी में भी सबसे पहले प्राकृतिक खेती की झलक दिखाई दी। गौर रहे कि इस माह यह चौथा मौका है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न मंचों पर हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक खेती मॉडल की सराहना कर चुके हैं।


प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर और कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि आज प्रदेश के प्राकृतिक खेती मॉडल को देख भर में ख्याति मिल रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, मुख्य सचिव और कृषि सचिव का विशेष योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस योजना से 1,53,643 किसान जुड़ चुके हैं और हम प्रदेश के सभी पंचायतों और गांवों में इस खेती विधि को पहुंचाने के लिए चरणबद्ध कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं।

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