हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से किसानों की आय को बढ़ाने के साथ स्वस्थ भोजन उपलब्ध करवाने और पर्यावरण के साथ सांमजस्य बनाने वाली प्राकृतिक खेती को राष्ट्रीय स्तर पर अपनाने को लेकर वीरवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों का आह्वान किया। प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय कॉनक्लेव के दौरान प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश के प्रयासों की सराहना की और इस खेती विधि को जन आंदोलन बनाने हेतू किसानों को आगे आने के लिए कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती न सिर्फ किसानों की कृषि लागत को कम कर उनकी आय को बढ़ा रही है बल्कि यह खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण में भी अहम योगदान दे रही है। उन्होंने देश के किसानों से अपने खेतों में इस खेती विधि को अपनाने के साथ हरेक पंचायत में एक गांव को प्राकृतिक खेती गांव बनाने का भी आग्रह किया। इस कॉनक्लेव के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भी किसानों से प्राकृतिक खेती विधि को अपनाने का आह्वान किया।

इस कार्यक्रम के दौरान पूर्व में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और वर्तमान में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अपने संबोधन में हिमाचल प्रदेश में चल रही प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना से किसानों को मिल रहे लाभों के बारे में जानकारी दी। राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश में योजना का कुशल कार्यान्वयन करने के लिए राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर और कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल के प्रयासों की सराहना की।

हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में किसानों के साथ और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने सरकारी निवास में प्रधानमंत्री का संबोधन सुना। प्राकृतिक खेती कॉनक्लेव के दौरान प्रधानमंत्री का संबोधन किसानों को सुनाने के लिए प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत प्रदेश की सभी पंचायतों में विशेष इंतजाम किए गए थे जिसके तहत प्रदेश के 71,405 किसानों ने वर्चुअल मोड में प्रधानमंत्री समेत अन्य वक्ताओं का संबोधन सुना। प्रधानमंत्री का संबोधन सुनने में महिला किसानों की संख्या पुरूषों के मुकाबले अधिक रही। इस कार्यक्रम में 39,792 महिलाओं और 31,613 पुरूषों ने प्रधानमंत्री का संबोधन सुना।

इससे पहले 14 दिसंबर को प्री-बाइब्रेंट गुजरात समिट में हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती के कार्यान्वयन पर भी प्रस्तुती दी गई थी। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल बेस्ट प्रैक्टिसिज ऑफ नेचुरल फार्मिंग विषय पर प्रस्तुति दी थी। योजना के परियोजना निदेशक राकेश कंवर और कार्यकारी निदेशक प्रो राजेश्वर सिंह चंदेल ने बताया कि प्रधानमंत्री जी का संबोधन प्रदेश की सभी पंचायतों में सुनाया गया। इस कार्यक्रम में महिलाओं ने विशेष रूचि ली। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बड़े ही गर्व की बात है कि छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल की ओर से की गई पहल आज राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पा रही है। प्रदेश में अभी तक 1,53,643 किसान-बागवान परिवारों ने 1 लाख बीघा (9,192 हैक्टेयर) से ज्यादा भूमि पर इस खेती विधि को खेती-बागवानी में अपनाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के नेतृत्व व मार्गदर्शन में  चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के सभी किसान-बागवानों को प्राकृतिक खेती के तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है।

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