शिमला 14 june.कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता देवेन्द्र बुशहरी ने कहा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने जिस नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र को लेकर राहुल गांधी से जो सवाल पूछे है उसको लेकर समाचार पत्रों मे गलत आंकड़े पेश करके जनता को गुमराह कर रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष को राजनैतिक बयानबाजी करने के बजाए, यदि उनके पास इस बात की पुख्ता जानकारी है कि इस मे कोई मनी लांड्रिंग हुई है तो अपने शपथ पत्र लेकर ई०डी ० के समक्ष प्रस्तुत करे।

भाजपा को यह मालूम होना चाहिए कि नेशनल हेराल्ड वो समाचार पत्र है जिस की स्थापना 1937 मे हुई, जिसको सुनते ही अंग्रेज हकूमत में खलबली मच जाती थी। क्यूंकि ये अख़बार गुलामी के उस दौर में आज़ादी के  दीवानों का साथी था, एक ऐसा साथी जो क्रांति का जोश भरता था,जो क्रांतिकारीयो के विचारों को न केवल हिंदुस्तान बल्कि दुनियाभर मे पहुंचाता था और विदेशियों को नेशनल हेराल्ड के जरिए ही भारत की आजादी के आंदोलन और अंग्रेजी क्रूरता के बारे पता चलता था।इस से भारतीयों के लिए आज़ादी की आवाज सीमाओं के बाहर से भी होने लगी और अंग्रेज हकूमत पर उसका दवाब भी बनता रहा । बुशहरी ने कहा कि 2015 मे मोदी सरकार मे एक शिकायत दर्ज करके ई०डी० ने मामले की पूरी जांच की, परन्तु कुछ भी हाथ नही लगा जिसके कारण फाइल को बंद कर दिया गया।

2018-19  मे ई०डी०ने इस मामले को फिर खोला ,और भाजपा अध्यक्ष को यह मालूम होना चाहिए कि 2018 ,वो साल था, जब मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ मे कांग्रेस ने भाजपा को हराकर सता हासिल की थी। अब इस बार फिर से इस मामले मे सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन भेजा गया और ये जानना जरूरी है कि ये सब उदयपुर चिंतन शिविर के तुरन्त बाद हुआ है, “जहां भारत जोड़ो” का नारा देकर कांग्रेस ने खुद को जिंदा करने का संकेत दिया था। दरअसल आजादी के बाद समय के साथ नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र घाटे में जाने लगा था। इस संकट से उभरने के लिए कांग्रेस ने साल 2002 से साल 2011 के दौरान इसे 90 करोड़ रुपए का कर्ज लिया।इस राशि मे से 67 करोड़ रुपए नेशनल हेराल्ड ने अपने कर्मचारियों को वेतन और VRS का भुगतान करने के लिए उपयोग किया।

नॉन फॉर-प्रॉफिट की अवधारणा पर स्थापित किसी भी कंपनी के शेयर धारक/प्रबंध समिति के सदस्य कानूनी रुप से कोई लाभांश,लाभ,वेतन या अन्य वित्तीय लाभ नहीं ले सकते हैं। इसलिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी या यंग इंडियन में किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किसी भी प्राप्ति या वित्तीय लाभ का प्रश्न ही नहीं उठता।जब ऐसा हुआ ही कुछ नही तो क्राइम कैसा। बुशहरी ने कहा कि ये सब भाजपा इन एजंसियों को अपने विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल करके इनका दुरुपयोग कर रही है। ई०डी०ने इन आठ वर्षों में आज तक11000 लोगो के खिलाफ केस बनाए जबकि अभी तब केवल 7 लोगों के खिलाफ ही कारवाई कर पाई। भाजपा अध्यक्ष को चाहिए की वे प्रदेश में अपनी सरकार के मुख्यमंत्री से पूछे कि प्रदेश में बढ़ते भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उनकी सरकार ने क्या कदम उठाए।

पुलिस पेपर लीक मामले में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले का क्या हुआ क्यूं नहीं अभी तक मुखिया आरोपी पकड़ा गया। मुख्यमंत्री ने 21मई से पहले कह दिया था कि मामला सीबीआई को सौंप दिया है ।आज एक महीना होने जा रहा है अभी तक क्यूं नही सीबीआई, जबकि गुड़िया केस में तीन दिन बाद सीबीआई शिमला पहुंच गई थी। मुख्यमंत्री जिनके पास गृह विभाग भी ही इस प्रदेश की जनता से इस मामले मे  झूठ बोल रहे है, कि मामला सीबीआई को भेज दिया है। नई पुलिस भर्ती परीक्षा करवा कर ये सरकार इस मामले पर पर्दा डालने का प्रयास कर रही है, कांग्रेस पार्टी कतई ऐसा होने नही देगी।

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