हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए आज प्रदेश के साथ-साथ सोलन ज़िला में भी माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस मेगा माॅक ड्रिल में सोलन ज़िला के पांच स्थानों पर प्राकृतिक आपदा विशेषकर बाढ़ की स्थिति में बचाव और राहत कार्यों को वास्तविक परिस्थिति के अनुरूप तैयारियों को परखा गया।


वास्तविक आपदा के समय जानो-माल की क्षति को न्यून करने के उद्देश्य से सोलन ज़िला के पांच स्थानों पर बाढ़ एवं इसके सम्भावित खतरों के दृष्टिगत आपदा तैयारियों की जांच की गई। सोलन ज़िला के कण्डाघाट उपमण्डल के साधुपुल स्थित अश्वनी खड्ड, नालागढ़ उपमण्डल के बीर प्लासी में आकस्मिक बाढ़, अर्की तथा सोलन में आकस्मिक बाढ़ के कारण भूस्खलन और कसौली उपमण्डल में भूस्खलन के लिए तैयारियां जांची गई।


ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने आज की मेगा माॅक ड्रिल के संबंध में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि मेगा माॅक ड्रिल का उद्देश्य विभिन्न विभागों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित कर उपकरणों का समुचित उपयोग सुनिश्चित बनाना, मानवीय क्षति को कम करना और बहुमूल्य संपत्ति की रक्षा सुनिश्चित बनाना था। उन्होंने कहा कि मेगा माॅक ड्रिल में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुरूप यह सुनिश्चित बनाया गया कि किस प्रकार आपदा प्रबंधन को प्रभावी बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सोलन ज़िला की भौगोलिक परिस्थितियां प्राकृतिक आपदाओं के दृष्टिगत संवेदनशील हैंै। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में अधिक वर्षा एवं भूस्खलन के कारण पानी का तेज बहाव कभी भी बाढ़ की स्थिति ला सकता है। ऐसे में आवश्यक है कि सरकारी विभागों के साथ-साथ विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाएं, निजी उद्योग तथा प्रशिक्षित आमजन समन्वय के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि आपदा के समय प्रशिक्षित श्रम शक्ति की उपलब्धतता अत्यंत आवश्यक है। मेगा माॅक ड्रिल इस दिशा में उत्प्रेरक का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकारी स्तर पर उपलब्ध श्रम शक्ति एवं उपकरणों के साथ निजी एवं स्वयं सेवी क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों का दोहन आवश्यक है। इस तरह के वृहद आपदा प्रबंधन अभ्यास न केवल तैयारियों को अद्यतन रखते है अपितु समय पर प्रबंधन को प्रभावी भी बनाते है।


मनमोहन शर्मा ने कहा कि आज की मेगा माॅक ड्रिल अपने उद्देश्य में सफल रही। आपदा के कुशल प्रबंधन के लिए इंसीडेंट रिस्पोंस प्रणाली में इंसीडेंट कमाण्डर के रूप में कार्यरत अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव ने कहा कि मेगा माॅक ड्रिल के माध्यम से सोलन जैसे औद्योगिक ज़िला में आपदा प्रबंधन की तैयारियों को अधिक विश्वसनीय बनाया गया। उन्होंने कहा कि आज के अभ्यास में विभिन्न विभागों, स्वयं सेवी संस्थाओं और विशेष रूप से प्रशिक्षित युवा आपदा मित्रों के सहयोग से आपदा को न्यून करने की दिशा में कार्य किया गया है।
उन्होंने कहा कि मेगा माॅक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य गल्तियों से सबक लेकर आपदा प्रबंधन को और मज़बूत बनाना है।


उन्होंने कहा कि आज की मेगा माॅक ड्रिल में ज़िला के सभी पांच स्थानों पर आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण लगभग 750 लोग एवं पशुधन अलग-अलग स्थानों पर फंस गए थे। समन्यवित प्रयासों के साथ इनमें से 441 व्यक्तियों और 32 पशुधन को बचाया गया। 292 घायल व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला गया।
अजय यादव ने अवगत करवाया कि मेगा माॅक ड्रिल के उपरांत आयोजित डी-ब्रीफिंग में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के परामर्शदाता मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सुधीर बहल ने माॅक ड्रिल के उद्देश्यों और इसके माध्यम से प्राप्त अनुभव के द्वारा उपलब्ध श्रम शक्ति के कौशल उन्नयन तथा अन्य आवश्यक प्रबंधन के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की।


माॅक ड्रिल में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोलन एवं ऑपरेशन सेक्शन के मुखिया योगेश रोल्टा, उपमण्डलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर, उप पुलिस अधीक्षक भीष्म ठाकुर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. राजन उप्पल एवं उनकी टीम, ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य, सभी विभागों के अधिकारी तथा आपदा मित्र एवं विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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