रामपुर बुशहर। रामपुर के कई इलाकों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। कई क्षेत्रों में आठ आठ दिनों से पानी नहीं आ रहा है। आईपीएच विभाग पानी न मिलने के पीछे ये तर्क दे रहा है कि जिस खड्ड से डकोलढ, अप्पर डकोलढ़, बठेंडा व आसपास को पानी की आपूर्ति होती है वह बरसात के कारण मटमैली हो गई है। ऐसे में आईपीएच विभाग पूरी तरह से राम भरोसे है। आईपीएच विभाग के पास बरसात और गर्मियों में पानी की किल्लत से निपटने के लिए कोई रोडमेप नहीं है।

जैसे तैसे विभाग पानी की सप्लाई को चार या फिर पांच दिनों के बाद चला रहा है। जिस तरह से आईपीएच विभाग मटमैले पानी का हवाला दे रहा है तो इससे साफ जाहिर होता है कि विभाग के पास पानी को फिल्टर करने का कोई प्रावधान नहीं है। यानि जब तक खड्ड में मटमैला पानी चलता रहेगा तब तक लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं होगा। डकोलढ़ निवासी अनु गोस्वामी का कहना है कि बरसात और गर्मी में ही पानी की किल्लत होती है। ऐसे में विभाग को पहले ही इससे निपटने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए। लेकिन विभाग पूरी तरह से भगवान के भरोसे चल रहा है।

बरसात और गर्मी में हर वर्ष लोगों को ऐसी ही समस्याओं से जूझना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में प्राकृतिक स्त्रोतों की भी कमी नहीं है। लेकिन विभाग ने उन्हें भी सही ढग़ से व्यवस्थित नहीं किया है। यानि जब इन स्त्रोत की जरूरत नहीं होती तो कोई भी इन स्त्रोतों को नहीं पुछता। वहीं दुसरी और डकोलढ़ निवासी जगदीश भलूनी का कहना है कि सरकार हर घर में नल में जल को लेकर पाईप लाईन बिछा रही है लेकिन पानी के स्त्रोत को व्यवस्थित नहीं कर रही है। ऐसे में हर घर में नल में जल केवल शोपीस ही रह जाएगें। जबकि इन नलों में पानी कभी कभी ही टपकेगा।

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