धर्मशाला, 07 अप्रैल: वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि दिव्यांगजन हमारे समाज के अभिन्न अंग हैं। सरकार ने उनके कल्याण के लिए अनेकों योजनाएं चलाई हैं। हम सभी को दिव्यांगजनों के सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए समर्पण भावना से कार्य करना चाहिए।
 

खेल मंत्री राकेश पठानिया आज बहुतकनीकी कॉलेज कांगड़ा में विशेष ओलंपिक भारत के तत्वाधान में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर बौद्धिक दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आयोजित एक दिवसीय मल्टी स्पेशलिटी चिकित्सा शिविर में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने के उपरांत बोल रहे थे। शिविर का आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में किया गया जोकि भारत की आजादी के 75 साल और देश के गौरवशाली इतिहास, संस्कृति और उपलब्धियों को मनाने के लिए एक पहल है।
 

पठानिया ने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस उन्हें उचित मंच व अवसर मुहैया करवाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों ने सरकारी सेवा के साथ-साथ खेलों के माध्यम से भी अपनी एक अलग पहचान बनाकर समाज के सामने आदर्श प्रस्तुत किया है। दिव्यांग बच्चों में विशेष तरह की क्षमताएं होती हैं जिन्हेें उभारने की जरूरत होती है। पठानिया ने कहा कि दिव्यांगों ने प्रत्येक क्षेत्र में खासकर खेलों के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है।

उन्होंने दिव्यांग बच्चों को खेलों में बढ़-चढ़ कर भाग लेने को प्रोत्साहित करने पर बल दिया ताकि वे अपनी प्रतिभा को निखार सकें। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चे देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी अपना नाम चमका रहे हैं और देश का गौरव बढ़ा रहे हैं। उन्होंने अभिभावकों से आह्वान किया कि वे बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ खेल तथा अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़ कर भाग लेने के लिए प्रेरित करें।
 

राकेश पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ उन्हें लाभान्वित कर समाज की मुख्यधारा में लाकर उनकी पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने के उदेदश्य से प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार के ‘दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 को अक्षरशः लागू किया गया है। पठानिया ने कहा कि दिव्यांगता बच्चों की शिक्षा प्राप्ति में बाधा न बने तथा ऐसे बच्चे एवं व्यक्ति शिक्षा प्राप्त कर स्वावलंबी बन सकें। इस उद्देश्य से सरकार द्वारा विविध कदम उठाए जा रहे हैं।

जिस के तहत सभी दिव्यांग बच्चों के लिए प्राथमिक स्तर से विश्वविद्यालय स्तर तक टयूशन फीस नहीं ली जा रही है और शिक्षा ग्रहण करने के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्दश्य से बिना किसी आयु सीमा के 625 रुपये से लेकर पांच हजार प्रतिमाह की दर से छात्रवृतियां भी दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व भर में दिव्यांग जनों ने अपने अन्दर की शक्ति को पहचानकर पूरी दुनिया में चमत्कार करके दिखाया हैं और अनेक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया हैं।

उन्होंने कहा टोक्यो पैरा ओलंपिक में हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला के अंब के बदाऊ गांव निवासी निषाद कुमार ने उंची कूद में रजत मैडल जीत कर इतिहास रचा है। वे हिमाचली खिलाड़ी बने हैं जिन्होंने 2.06 मीटर उंची कूद लगाकर एशियन रिकार्ड बनाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा निषाद कुमार को एक करोड़ की राशि मुहैया करवाई गई है साथ ही सरकारी क्षेत्र में राजपत्रित श्रेणी की नौकरी दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पहल पर अब स्पेशल ओलंपिक खिलाड़ियों को भी अब एक करोड़ रुपये की धनराशि और सरकारी नौकरी देने का सपना संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि नई खेल नीति में दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए अलग से प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा में स्पेशल खिलाड़ियों के लिए एक सुविधाओं से परिपूर्ण इण्डोर स्टेडियम का निर्माण करने का प्रयास किया जाएगा।
 

उन्होंने पैरा आलंपिक खेलों में  प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित भी किया। शिविर में दिव्यांग बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये। उन्होंने कहा कि स्पेशल ओलंपिक भारत की अध्यक्षा एवं चेतना संस्था की संस्थापक सचिव मल्लिका नड्डा के निर्देशों के अनुसार इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है और पूरे भारत में इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि विशेष ओलंपिक भारत के इस प्रयास को मान्यता देने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड तथा लिमका बुक ऑफ रिकार्ड के लिए भारत मे एक नया आयाम स्थापित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान जिला कांगड़ा के स्पेशल ओलंपिक खिलाड़ियों का हेल्थ चेकअप किया गया। टांडा मेडिकल कॉलेज तथा इंडियन डेंटल एसोसिएशन के चिकित्सकों एव उनकी टीम नेे बौद्धिक अक्षमता से ग्रसित बच्चों और व्यस्कों की स्क्रीनिंग की।

उन्होंने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी ने पुण्य का कार्य किया है और यह मानवता की सबसे बड़ी सेवा है। इस अवसर पर वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है और इस हेतू हर सम्भव प्रयास कर रही है। जिससे दिव्यांगजन जीवन की चुनौती को स्वीकार कर अपनी प्रतिभा से देश और प्रदेश के विकास में सकारात्मक योगदान कर सकें।

उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन के सशक्तीकरण के लिए सरकार के प्रयासों के साथ ही, समाज के लोगों तथा संस्थाओं सभी का मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आयोजकों का बधाई दी। विशेष ओलंपिक भारत जिला कांगड़ा के प्रधान प्रशांत भसीन ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
 

मेडिकल शिविर में फिट इंडिया मिशन के सहयोग से विशेष ओलंपिक भारत के रिटर्न टू प्ले इनक्लूजन रिविल्यूशन’’ के तहत बौद्धिक अक्षमता वाले इन एथलीटों के लिए मेडिकल कैंप के अलावा फिट 5 गतिविधियां के तहत विभिन्न आयामों के व्यायाम भी सिखाए गये जोकि आजादी का अमृत महोत्सव का भी एक हिस्सा है। चिकित्सा शिविर में लगभग 400 से अधिक बौद्धिक दिव्यांग बच्चों के दांतों की जांच की गई। इस मौके पर कांगड़ा सेवियर के सहयोग से रक्तदान दान शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें 75 यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया।
 

इस अवसर पर वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर, एसडीएम कांगड़ा अरूण शर्मा, कॉर्ड की निदेशिका क्षमा मेत्री, सूर्योदय चेरीटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष अनुराधा शर्मा, मुख्य अरण्यपाल डीआर कौशल, जिला वन अधिकारी डॉ.संजीव शर्मा, जिला कमेटी स्पेशल ओलंपिक, कांगड़ा के अध्यक्ष प्रशांत भषीण, सचिव बलबीर गुलेरिया, शाश्वत कपूर, बहुतकनीकी कॉलेज के प्राचार्य एसके गौतम, ओपी शर्मा सहित बड़ी संख्या में दिव्यांग बच्चे उनके अभिभावक, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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