शिमला, 30 जुलाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित उज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य पावर/2047 के ग्रैंड फिनाले के अवसर पर राष्ट्र स्तरीय बिजली महोत्सव समारोह की अध्यक्षता वर्चुअल माध्यम से की, जिसमे उन्होंने राष्ट्र को संबोधित किया और विभिन्न राज्यों के लाभार्थियों से सीधा संवाद भी स्थापित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर बिजली के क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं का भी शिलान्यास किया। राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन मंडी में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश जयराम ठाकुर ने की।

बहुउद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा मंत्री, हिमाचल प्रदेश सुख राम चौधरी ने गेयटी थियेटर में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित उज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य पावर/2047 के ग्रैंड फिनाले के अवसर पर जिला स्तरीय बिजली महोत्सव समारोह की अध्यक्षता की।
बहुउद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा मंत्री, हिमाचल प्रदेश सुख राम चौधरी ने कार्यक्रम से पूर्व अपने संबोधन में कहा कि हिमाचल प्रदेश में विद्युत उत्पादन की कुल क्षमता 27436 मेगावाट है, जिसमें से 10519 मेगावाट विद्युत स्त्रोतों का दोहन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड द्वारा 25 लाख 74 हजार उपभोक्ताओं को 54 ईएचवी,  206 33केवी सब स्टेशन , 33540 ट्रांसफार्मर, 105488 सर्किट किलोमीटर लाइनों द्वारा सेवाएं दे रहा है।
जिला शिमला में सौभाग्य स्कीम के अंतर्गत 971 लाभार्थियों को विद्युत कनेक्शन देने की के लिए 29 लाख 90 हजार रुपए व्यय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से बिना एनओसी से बिजली के कनेक्शन प्रदान किए जा रहे है। मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में आज प्रदेश में सैकड़ों परियोजनाओं को शुरू किया गया है। प्रदेश में लोगों को आज 125 यूनिट फ्री बिजली प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि देश के 2014 में बिजली उत्पादन क्षमता 248554 मेगावाट थी जो अब बढ़कर 4 लाख मेगावाट हो चुकी है जो हमारी मांग से 1 लाख 85 हजार मेगावाट अधिक है। आज भारत अपने पड़ोसी देशों को भी बिजली निर्यात कर रहा है।
उन्होंने कहा कि वन नेशन, वन ग्रिड के अंतर्गत भारत में 1 लाख 63 हजार सर्किट किलोमीटर संचारण लाइनें जोड़ी गई है, जो पूरे देश को एक समान आवृत्ति पर चलने वाले 1 ग्रिड से जोड़ती हैं लद्दाख से लेकर कन्याकुमारी तक और कच्छ से म्यांमार सीमा तक की यह दुनिया में सबसे बड़े एकीकृत ग्रिड के रूप में उभरा है।
उन्होंने कहा कि हम अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों से 1 लाख 63 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन करते है। आज हम दुनिया में सबसे तेज गति से अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में 2015 में ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति का औसतन साढ़े 12 घंटे था जो अब बढ़कर साढ़े 22 घंटे हो चुका है। उन्होंने कहा कि शत प्रतिशत ग्रामीण विद्युतीकरण का लक्ष्य 2018 में 987 दिनों में प्राप्त किया गया है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने बिजली के क्षेत्र में अधिनियमों में संशोधन कर नागरिकों को अनेकों सुहुलियतें प्रदान की है।
इस अवसर पर निदेशक परिचालन हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड मनोज उपरेती, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, अतिरिक्त उपायुक्त शिवम प्रताप सिंह, मुख्य अभियंता राकेश ठाकुर, कार्यकारी निदेशक एसजेवीएन एस पटनायक, अधीक्षण अभियंता परिचालन लोकेश ठाकुर एवं एसजेवीएन तथा बिजली बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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