प्रदेश में चल रही प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना का लाभ अधिक से अधिक किसान-बागवानों तक पहुंचाने के लिए सोमवार को नौणी यूनिवर्सिटी में भविष्य की कार्ययोजना पर मंथन किया गया। आतमा पदाधिकारियों के क्षमता विकास को लेकर आयोजित इस दो दिवसीय कार्यशाला में कृषि सचिव राकेश कंवर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस मौके पर कृषि सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार अन्य राज्यों के लिए हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक खेती का मॉडल राज्य बनाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए हमें चरणबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि सरकार के बजट में भी प्राकृतिक खेती पर विशेष बल दिया गया है। इसलिए हमें समय रहते बजट घोषणाओं को पूरा करने के लिए अपने प्रयासों में तेजी लाने की जरूरत है। राकेश कंवर ने कहा कि हम किसानों के उत्पादों को बाजार मुहैया करवाने और उनके प्रमाणीकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। कृषि सचिव ने कहा कि इस वर्ष प्राकृतिक खेती के तहत 20 हजार हैक्टेयर भूमि को लाया जाएगा। इस मौके पर प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक और मार्केटिंग बोर्ड के एमडी नरेश ठाकुर ने प्राकृतिक खेती उत्पादों के विपणन और मंडियों में उनकी उपलब्धता को लेकर भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

कार्यशाला के दौरान अंतरराष्ट्रीय कृषि विशेषज्ञ आशीष गुप्ता ने प्राकृतिक खेती को आगे बढ़ाने के लिए हिमाचल के प्रयासों की सराहना की। आशीष गुप्ता ने हिमाचल के किसानों के लिए तैयार किए जा रही सतत् खाद्य प्रणाली के बारे में जानकारी दी। इस कार्यशाला में आत्मा परियोजना, प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई, नौणी और पालमपुर विश्वविद्यालय और आत्मा परियोजना के 275 से अधिक पदाधिकारियों ने भविष्य की कार्ययोजना के बारे में अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। कार्यशाला में सभी जिलों के परियोजना निदेशकों और उप परियोजना निदेशकों ने अपने-अपने जिलों में चल रही गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।

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