सोलन, 17 जून शूलिनी विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग की बेलेट्रिस्टिक लिटरेचर सोसाइटी ने डॉ. नंदिनी सी. सेन की पुस्तक, द सेकेंड वाइफ एंड अदर स्टोरीज पर एक चर्चा का आयोजन किया। सेन दिल्ली विश्वविद्यालय के भारती कॉलेज में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाते हैं और प्रवासी अध्ययन, अफ्रीकी अध्ययन और तुलनात्मक साहित्य पर लिखती  हैं। उनके कुछ अकादमिक कार्य द ब्लैक वुमन स्पीक्स, ए स्टडी ऑफ फ्लोरा नवापा और बुची एमचेता (2019) और थ्रू द डायस्पोरिक लेंस, महाश्वेता देवी: क्रिटिकल पर्सपेक्टिव्स (2012) शामिल  हैं।


उन्होंने पाठक के लिए कहानी लिखने, संपादित करने और प्रस्तुत करने के मामले में लेखक की भूमिका पर भी चर्चा की। डॉ. सेन ने यह भी कहा कि वह टैगोर, महाश्वेता देवी और अन्य कथा साहित्य के कार्यों से प्रेरित हैं। डॉ साक्षी सुंदरम, सहायक प्रोफेसर शूलिनी विश्वविद्यालय , ने बताया कि कैसे लघु कथाएँ विवाह, जाति, वर्ग और पौराणिक पात्रों के नारीवादी संस्करणों से संबंधित हैं। इस सत्र में डॉ. पूर्णिमा बाली, डॉ. नवरीत साही, नीरज पिजार, सम्राट शर्मा और हेमंत कुमार शर्मा ने भी भाग लिया, जिन्होंने भारतीय महिलाओं से संबंधित मुद्दों और कथा साहित्य में उसी के प्रतिनिधित्व पर चर्चा की।

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