सोलन, 05 अगस्त शूलिनी विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों के नए प्रवेशित  छात्रों के लिए एक दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन किया। दिन भर चलने वाले इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों को पाठ्यक्रम और परीक्षा प्रणाली में शैक्षणिक परिवर्तनों के बारे में जागरूक करना और उसी के बारे में संदेह दूर करना था।
शूलिनी विवि के चांसलर प्रो प्रेम कुमार खोसला ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया और रेखांकित किया कि रैंकिंग के मामले में शूलिनी कैसे प्रगति कर रही है।

रैंकिंग विश्वविद्यालय के शोधार्थियों, छात्रों और संकाय कर्मचारियों की कड़ी मेहनत का परिणाम है ।उन्होंने शोध के महत्व पर भी जोर दिया। हाल ही में, शूलिनी विश्वविद्यालय को एनआईआरएफ रैंकिंग के अनुसार भारत के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में स्थान दिया गया है।कुलपति प्रो. अतुल खोसला ने बताया कि कैसे विश्वविद्यालय वैश्विक सहयोग के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कैसे विकसित देशों के विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग हमें अनुसंधान और शिक्षा के मामले में आगे बढ़ने में मदद करेगा। उन्होंने छात्रों को उनके पाठ्यक्रम के अलावा उनके द्वारा किए गए प्रत्येक कार्य के लिए क्रेडिट के महत्व के बारे में भी समझाया।


विश्वविद्यालय की मुख्य शिक्षा अधिकारी श्रीमती  आशू खोसला द्वारा नई शिक्षा नीति की शुरुआत , नए पाठ्यक्रम और परिवर्तन पर छात्रों का एक सत्र लिया गया । उन्होंने नए पाठ्यक्रम के महत्व और उसके भविष्य के बारे में विस्तार से बताया। अजय खन्ना, निदेशक, प्रशिक्षण और प्लेसमेंट द्वारा प्रशिक्षण और प्लेसमेंट पर एक सत्र आयोजित किया गया  और  पायल खन्ना ने कोचिंग के महत्व पर एक सत्र लिया और छात्रों से इसके लिए नामांकन करने का आग्रह किया।
अभिविन्यास का आयोजन और संचालन श्रीमति  पूनम नंदा, डीन छात्र कल्याण द्वारा किया गया । उन्होंने उन छात्रों का भी स्वागत किया जो कोविड के कारण कार्यक्रम से चूक गए थे और ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले रहे थे।

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