धर्मशाला, 26 नवंबर। डल झील के संरक्षण तथा सौंदर्यीकरण के लिए कारगर कार्ययोजना तैयार की जाएगी इस के लिए कार्यकारी समिति भी गठित करने निर्देश दिए गए हैं। शुक्रवार को यह जानकारी उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने एनआईसी के सभागार में डल झील के सरंक्षण को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि डल झील के संरक्षण तथा संवर्धन के लिए नगर निगम, वन विभाग, जल शक्ति विभाग, पर्यटन विभाग, मत्स्य विभाग,प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा प्रशासन की तरफ तहसीलदार डल झील संरक्षण तथा संवर्धन समिति में शामिल रहेंगे।
   

उन्होंने कहा कि डल झील में सिल्ट हटाने तथा पानी के रिसाव इत्यादि के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी इस के लिए आईआईटी रूड़की, आईआईटी मंडी में भी संपर्क किया जा रहा है ताकि विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर ही डल झील के सौंदर्यीकरण और संवर्धन का प्लान तैयार किया जा सके। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ डल झील के संरक्षण के लिए उचित कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि नगर निगम के माध्यम से अमृत योजना के तहत डल झील को विकसित करने के लिए भी पहल की जाएगी इस बाबत नगर निगम के अधिकारियों से भी प्लान तैयार करने के लिए चर्चा की गई है।
   

उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि डल झील एक हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है तथा श्रद्वालुओं के साथ साथ पर्यटकों के लिए भी यह आकर्षण का केंद्र है। हर वर्ष हजारों पर्यटक डल झील को देखने के लिए आते हैं। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि हर वर्ष अक्तूबर-नवंबर के आसपास डल झील में पानी कम हो जाता है इसी समस्या के समाधान के लिए विशेषज्ञों से मदद मांगी गई है ताकि वर्ष भर डल झील में पर्याप्त पानी उपलब्ध रहे इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि डल झील के सौंदर्यीकरण के लिए भी उचित कदम उठाए जाएंगे। इससे पहले जल शक्ति विभाग की ओर से श्रवण कुमार ठाकुर ने डल झील के संरक्षण को लेकर एक प्रेंजेटशन भी दी। इस अवसर पर नगर निगम के आयुक्त प्रदीप ठाकुर ने भी डल झील के सरंक्षण को लेकर सुझाव दिए। बैठक में एडीएम रोहित राठौर, एसीटूडीसी डा मदन, डीएफओ संजीव शर्मा, पर्यटन अधिकारी प्रीत पाल सिंह, एसडीएम शिल्पी बेक्टा तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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