शिमला 15 जुलाई, 2022 प्रदेश सरकार युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए दृढ़ प्रयास कर रही है ताकि उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में रोज़गार और स्वरोज़गार के अधिक अवसर प्राप्त हो सकें। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं के कौशल विकास और सुधार के लिए हर सम्भव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वे बेहतर तरीके से अपनी आजीविका अर्जित कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं के कौशल विकास पर विशेष बल दिया है ताकि उन्हें उद्योगों की आवश्यकतानुसार और अधिक सक्षम बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे रूचि के अनुसार अपने कौशल में निखार लाएं ताकि उन्हें लाभकारी रोज़गार उपलब्ध हो सके।

मुख्यमंत्री ने विश्व युवा कौशल दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता की

जय राम ठाकुर ने कहा कि इस वर्ष विश्व युवा कौशल दिवस का विषयवस्तु ‘जीवन, कार्य और सतत विकास के लिए प्रज्ञता और कौशल’ है। उन्होंने कहा कि इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य विश्व के युवाओं के मध्य विभिन्न प्रकार के कौशल को प्रोत्साहन प्रदान करना है ताकि उन्हें रोज़गार के अधिक अवसर प्राप्त हों और वे अपने कौशल के बल पर अच्छा जीवन यापन कर सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में कौशल विकास निगम युवाओं के कौशल विकास पर विशेष बल दे रहा है और युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सदैव कहते हैं कि हम कौशल विकास को जितना महत्व देंगे, उसी के अनुरूप हमारे युवा भी सक्षम बनेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक हिमाचल प्रदेश कौशल विकास परियोजना के अन्तर्गत 545 करोड़ रुपये के अनुबन्ध किए जा चुके हैं। हिमाचल प्रदेश कौशल विकास परियोजना के अन्तर्गत एशियन विकास बैंक द्वारा 195 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, एशियन विकास बैंक की सहायता से सोलन जिला के वाकनाघाट में पर्यटन, आतिथ्य और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया जा रहा है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि उच्च कौशल विकास को केंद्र में रखते हुए हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम ने लगभग 16000 हिमाचली युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वेब डिजाइनिंग, मशीन लर्निंग जैसे विषयों का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सरकारी संस्थानों और विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए हैं।
इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से लघु अवधि के अप-स्कीलिंग और मल्टी स्कीलिंग प्रशिक्षण शुरू किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास निगम ने दिव्यांगजनों के लिए ‘नवधारणा कार्यक्रम’ शुरू किया है जिसके अन्तर्गत खुदरा, पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम प्रधानमंत्री विकास योजना के प्रदेश घटक का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने वाली एजेंसी है। उन्होंने कहा कि इस योजना का तीसरा चरण प्रगति पर है और इसके अन्तर्गत 16200 से अधिक युवाओं को नामित किया गया है। योजना के तीसरे चरण में प्रदेश के 1600 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कौशल विकास निगम विश्व बैंक की सहायता से संकल्प कार्यक्रम संचालित कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रदेशभर में संस्थागत प्रणाली और कौशल इको सिस्टम का सुदृढ़ीकरण करना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में निगम ने हस्तशिल्प और हथकरघा निगम सीमित के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विशिष्ट कला और शिल्प कौशल के उन्नयन और विपणन क्षमता को 200 हितधारक कारीगरों तक बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मण्डी जिले के पधर में कौशल विकास निगम के प्रशिक्षुओं और निफ्ट कांगड़ा में प्रशिक्षुओं के साथ वर्चुअल माध्यम से संवाद किया। उन्होंने पीटरहॉफ में उपस्थित कौशल विकास निगम के माध्यम से कार्यान्वित विभिन्न पाठयक्रमों के चुनिंदा प्रशिक्षुओं और लाभार्थियों से भी बातचीत की। उन्होंने इस अवसर पर कौशल विकास निगम के मोबाइल एप और ई-पत्रिका का भी विमोचन किया। उन्होंने इस अवसर पर कौशल उन्नयन गतिविधियों और परियोजनाओं से संबंधित विभिन्न संगठनों को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश आयुष विभाग के साथ स्पा थैरेपिस्ट के लिए, महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ बाल देखभाल संस्थान के हितधारकों और अन्य प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ अन्तरराष्ट्रीय प्लेसमेंट को ध्यान में रखते हुए हिमाचली युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. राम लाल मारकंडा ने कहा कि राज्य सरकार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पॉलिटेक्निक कॉलेजों और अन्य इंजीनियरिंग संस्थानों के माध्यम से युवाओं के कौशल उन्नयन पर बल दे रही है। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों में 6800 से अधिक युवाओं को कैंपस साक्षात्कारों के माध्यम से नौकरी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि वाकनाघाट में बनने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का काम प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास निगम द्वारा युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम आरम्भ करने के लिए कई संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए हैं।
कौशल विकास निगम के राज्य समन्वयक नवीन शर्मा ने इस आयोजन में भाग लेने व अपना बहुमूल्य समय देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में सभी आर्थिक और अन्य गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सदैव युवाओं के कौशल उन्नयन पर बल दिया है ताकि मेक इन इंडिया के संकल्प को साकार किया जा सके। उन्होंने कहा कि अधिकांश विकसित देशों में 60 प्रतिशत से अधिक आबादी की तुलना में हमारे देश में कुशल जनशक्ति केवल पांच प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास निगम अगले कुछ वर्षों तक 50 प्रतिशत से अधिक कुशल जनशक्ति सुनिश्चित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक लंबा सफर तय करेगा। उन्होंने कहा कि निगम का प्रमुख लक्ष्य राज्य के युवाओं को नौकरी तलाश करने वालों के बजाय रोज़गार प्रदाता बनाना है।
हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम की प्रबन्ध निदेशक कुमुद सिंह ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य के युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम की स्थापना 14 सितम्बर, 2015 को कंपनी अधिनियम (2013) के तहत राज्य सरकार के निगम के रूप में की गई थी। उन्होंने कहा कि इस निगम को स्थापित करने का मुख्य ध्येय युवाओं के कौशल में सुधार ला कर उन्हें रोज़गार केे योग्य बनाना है।
इस अवसर पर कौशल विकास पर आधारित एक वृत्तचित्र का प्रसारण भी किया गया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की निदेशक रूपाली ठाकुर, आयुष विभाग के निदेशक विनय सिंह, हिमाचल कौशल विकास निगम के महाप्रबंधक हर्ष अमरिंदर सिंह, विभिन्न औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और अन्य संस्थानों के प्रधानाचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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