शिमला, 27 जुलाई – हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष व सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकारों पर किसान और बागवान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा के कार्यकाल में जिस तरह इन दोनों वर्गों को सड़कों पर उतरना पड़ा है , उससे भाजपा का किसान व बागवानी विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है।

आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि पहले केंद्र की भाजपा सरकार ने देश के चंद कारपोरेट घरानों को खुश करने के लिए किसानों को महीनों तक सड़कों पर धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर किया , जिसमें बड़ी संख्या में किसानों को शहादत भी देनी पड़ी और अब प्रदेश की भाजपा सरकार ने लगातार बागवान विरोधी रवैया अख्तियार कर रखा है। उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का साक्षी है कि प्रदेश में भाजपा सरकारों का कार्यकाल हमेशा से किसान और बागवान विरोधी रहा है।

राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश में जगह-जगह टांगे जा रहे होर्डिंगों में खुद को बागवान हितैषी साबित करने की कोशिश कर रही भाजपा सरकार के कार्यकाल में बीते दो सालों से लगातार सेब की पैकिंग सामग्री में अप्रत्याशित 40 से 50% प्रतिशत की वृद्धि की गई हैं और  पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार कार्टन में 8 से 10 रुपए और ट्रे के दाम में प्रति बंडल 200 से 300 रुपए की अप्रत्याशित बढ़ोतरी की गई है जिसने  बागवानों की कमर तोड़कर रख दी है। यही वजह है कि आउट सोर्स कर्मियों व कर्मचारियों के साथ साथ अब बागवान भी सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो गए हैं।

राजेंद्र राणा ने कहा कि बागवान विरोधी प्रदेश की भाजपा सरकार ने सेब के दामों पर एमएसपी पर जो ₹1 बढ़ाया है , वह न केवल ऊंट के मुंह में जीरे के समान है बल्कि प्रदेश के बागवानों के साथ एक भद्दा मजाक भी है।

राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश के मेहनती बागवानों ने अपनी मेहनत से हिमाचल प्रदेश को फल राज्य का दर्जा दिलवाया है और  हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में 13% हिस्सा बागवानी का है, लेकिन उसकी तरफ ध्यान न देकर आज प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार बागवानों का गला घोटने में लगी है।

उन्होंने कहा कि इस सत्य की कैसे अनदेखी की जा सकती है कि प्रदेश में बागवानों के लिए पैकिंग मैटेरियल भी लगातार महंगा होता जा रहा है और सेब सीजन आते ही बागवानों को बगीचों में 15 से 17 बार दवाइयों का छिड़काव करना पड़ता है। लेकिन जो अनुदान राशि दवाइयों पर बागवानों को दी जाती थी, वह भी भाजपा सरकार द्वारा नहीं दी जा रही है और बागवानों को बाजार में महंगी दरों पर दवाइयां खरीदनी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जब भी कांग्रेस की सरकार रही है, तब प्रदेश में ना केवल बागवानी को बढ़ावा मिला है बल्कि बागवानों को सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं। उन्होंने कहा कि बागवान आज भी वीरभद्र सरकार का कार्यकाल याद करते हैं, जब उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए प्रदेश में बागवानी को नए शिखर तक पहुंचाया था और बागवान व किसानों के हितों को सर्वोपरि रखा था। उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी पूरी दृढ़ता के साथ बागवानों के साथ खड़ी है और हिमाचल की आर्थिकी की नींव माने जाने वाले बागवानों के साथ हो रहे अन्याय को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।

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